आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश), 17 मई (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी प्रकरण को मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है।
आजमगढ़ जिले में दो स्थानों पर शोक संवेदना प्रकट करने आये सपा मुखिया ने वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद पर कहा, ”ज्ञानवापी मस्जिद बहुत पुरानी है। ये भाजपा द्वारा जानबूझकर की जा रही साजिश है। भाजपा के अदृश्य सहयोगी जो समय-समय पर बाहर निकल कर आते है और जानबूझकर नफरत के बीज बोते हैं।”
उन्होंने कहा, ”जहां तक अदालत का सवाल है तो इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) ने भी और दूसरे फैसलों में भी कहा गया है कि पुरानी चीजों को नहीं उठाया जा सकता है, बावजूद इसके भाजपा हिन्दू-मुस्लिम लोगों के बीच नफरत फैली रहे, इसके लिये ये मुद्दे उठा रही है। भाजपा नहीं चाहती कि बुनियादी सवालों पर चर्चा हो।”
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा वाराणसी की रहने वाली पांच अन्य महिलाओं की याचिका पर वाराणसी की स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी—श्रृंगार गौरी परिसर में वीडियोग्राफी—सर्वे के आदेश दिये थे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अदालत के इस फैसले को पूजास्थलों सम्बन्धी वर्ष 1991 के कानून का उल्लंघन करार दिया है। बहरहाल, यह सर्वे सोमवार को सम्पन्न हुआ। हिन्दू पक्ष ने मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया है, जिसे मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए खारिज किया है कि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है वह वजूखाने के फौव्वारे का हिस्सा है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में बुलडोजर चल रहा है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में जिस निजी अस्पताल का उद्घाटन किया, वह भी अवैध है।
यादव ने अपने इस्तीफे के कारण रिक्त हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में अपनी पत्नी डिम्पल को पार्टी उम्मीदवार बनाये जाने के कयासों पर कहा कि इसका फैसला पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक में लिया जायेगा।
उन्होंने भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि ‘वन नेशन, वन राशन’ का नारा देने वाले कहीं ‘एक देश एक पूंजीपति’ का नारा न दे दे।
यादव ने फूलपुर पवई के पूर्व विधायक श्यामबहादुर यादव के घर पर पहुंचकर उनकी दिवंगत मां को श्रद्वांजलि दी। इसके बाद वह दीदारगंज थाना क्षेत्र के गद्दोपर गांव निवासी पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा के घर पहुंचे और उनकी धर्मपत्नी को श्रद्वांजलि दी।
भाषा सं. सलीम अर्पणा
अर्पणा
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