कोलंबो: श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि राष्ट्रपति की शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए संविधान में 21वें संशोधन पर सोमवार को अटॉर्नी जनरल के विभाग के साथ चर्चा की जाएगी ताकि इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जा सके.
संविधान के 21वें संशोधन से 20ए रद्द होने की संभावना है जो 19वें संशोधन के निरस्त होने के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को असीमित शक्तियां देता है. 19वें संशोधन में संसद को राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां दी गई थीं.
4/ 21st Amendment: This will be taken up for discussion with the Attorney General's Department tomorrow and then be presented to Cabinet for approval.
— Ranil Wickremesinghe (@RW_UNP) May 15, 2022
नयी सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक रविवार को हुई, जिसमें ईंधन के आयात पर खास ध्यान दिया गया.
विक्रमसिंघे ने ट्वीट किया, ‘21वां संशोधन : इसे सोमवार को अटॉर्नी जनरल के विभाग के साथ चर्चा में उठाया जाएगा और फिर मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा.’
गौरतलब है कि शक्तिशाली राजपक्षे परिवार ने अगस्त 2020 में आम चुनावों में भारी जीत के बाद सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी. उन्होंने राष्ट्रपति की शक्तियों को बहाल करने तथा अहम पदों पर परिवार के करीबी सदस्यों को नियुक्त करने के लिए संविधान में संशोधन किया था.
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने रविवार को विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधियों के साथ देश के मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि दोनों वित्तीय संस्थानों ने दवा, भोजन और उर्वरक जैसे आवश्यक सामान खरीदने में मदद करने का संकल्प जताया है.
उन्होंने ईंधन की आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना भी बतायी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘बैंकों में डॉलर की कमी को देखते हुए हम आने वाले सप्ताह में ईंधन की आवश्यकता के लिए भुगतान के वास्ते आवश्यक निधि जुटाने के अन्य विकल्पों पर गौर कर रहे हैं.’
विक्रमसिंघे ने कहा, ‘सरकार ने रसोई गैस की एक खेप के लिए भुगतान जुटाया है.’
प्रधानमंत्री के कार्यालय ने बताया कि वह सोमवार को एक विशेष बयान जारी कर सकते हैं.
‘डेली मिरर’ की खबर के मुताबिक, नयी सरकार के कुछ और कैबिनेट मंत्री सोमवार को शपथ ले सकते हैं.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की अपने तथा प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के अलावा 18 और मंत्रियों की नियुक्ति करने की योजना है। इसके अलावा 30 अन्य राज्य मंत्री होंगे। चार मंत्रियों ने पहले ही शपथ ले ली है.
खबर के मुताबिक, सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) के सांसदों के लिए 10 पद आरक्षित होंगे.
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