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Thursday, 10 October, 2024
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मुंडका अग्निकांड: इमारत में एक ही प्रवेश-निकास द्वार था: अधिकारी

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नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) दिल्ली के मुंडका क्षेत्र में जिस व्यावसायिक इमारत में आग लगी थी, उसमें एक ही प्रवेश और निकास द्वार था जो हताहतों की अधिक संख्या का कारण हो सकता है। अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी।

अधिकारी ने कहा कि इमारत के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी नहीं था।

अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने नरेला जोन के अधिकारियों से क्षेत्र के प्रकार और इमारत के निर्माण के संभावित वर्ष सहित विस्तृत जानकारी मांगी है।

एनडीएमसी आयुक्त संजय गोयल ने नगर निगम अधिकारियों से इस मामले को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ में लेने को कहा है। इस घटना के संबंध में विवरण 48 घंटों के भीतर सौंपा जाना है। ऐसा कहा जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी।

दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत के लिए दमकल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग इमारत की पहली मंजिल में लगी थी जहां सीसीटीवी कैमरे और राउटर बनाने की कंपनी का कार्यालय है।

उन्होंने कहा कि इमारत की पहली और दूसरी मंजिल में सीसीटीवी कंपनी ‘इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड’ का गोदाम और कार्यालय था। उन्होंने बताया कि तीसरी मंजिल पर एक ‘वाईफाई असेंबलिंग फर्म’ का कार्यालय था जबकि चौथी मंजिल आवासीय थी।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर शव इमारत की दूसरी मंजिल पर पाए गए।

पुलिस उपायुक्त (बाहरी) समीर शर्मा ने बताया कि कंपनी के मालिक हरीश गोयल और विजय गोयल को घटना के संबंध में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इमारत के मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि ‘कूलिंग’ की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि हालांकि एहतियात के तौर पर दमकल की दो गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं क्योंकि इमारत खतरनाक स्थिति में है।

दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, ”बचाव अभियान खत्म हो गया है। इमारत से बाहर निकलने के लिए एक ही रास्ता था, जिसके कारण कई लोग हताहत हुए।”

गर्ग ने कहा कि उन्होंने शनिवार की सुबह कुछ और शव बरामद किए और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

इस घटना के बाद 29 लोगों के लापता होने की खबर है।

एनडीएमसी ने नरेला जोन के अधिकारियों से कहा है कि वे उस क्षेत्र के भूमि उपयोग के प्रकार के बारे में विवरण प्रस्तुत करें।

इस बीच इस अग्निकांड में बचे लोगों ने शनिवार को कहा कि धुंआ फैलने और संकरे रास्ते के कारण इमारत से सही समय पर निकलना मुश्किल हो गया था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इमारत में जब आग लगी उस समय एक व्यक्ति एक ‘प्रेरक सत्र’ को संबोधित कर रहा था। हालांकि वक्ता के नाम या ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

इमारत की पहली और दूसरी मंजिल पर स्थित सीसीटीवी कैमरा कंपनी में काम करने वाली शांति नामक महिला उन लोगों में से एक थी जो इस हादसे में बच सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इमारत की दूसरी मंजिल पर थे। हम बाहर निकलने के लिए भागे लेकिन निकास द्वार बंद था। कई लोग दूसरी मंजिल से कूद गए, जबकि कई को क्रेन द्वारा बचाया गया।’’

भाषा देवेंद्र पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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