नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास तीन मंजिला इमारत में आग लगने की घटनास्थल का दौरा किया. इसके साथ ही केजरीवाल ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच करान के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए और घायलों को पचास हजार रुपए का मुआवजा देने की भी घोषणा की है. उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे.
मृतकों के शवों की अभी तक शिनाख्त ना होने के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहचान का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हादसे में मारे गए लोगों के शरीर इस हद तक जल चुके थे कि उनमें से कई की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. हमने अधिकारियों को लापता और मृतकों की पहचान करने में मदद करने के लिए तैनात किया है. हम शवों की पहचान का पता लगाने के लिए एफएसएल के माध्यम से डीएनए टेस्ट करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा कि हम यह जानने के लिए जांच का इंतजार कर रहे हैं कि घटना के लिए कोई अधिकारी या एजेंसी जिम्मेदार है या नहीं.
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‘बढ़ सकती है मृतकों की संख्या’
उधर, दमकल अधिकारी ने जानकारी दी कि घटना स्थल पर बचाव अभियान अब खत्म हो गया है. उन्होंने दावा किया कि मरने वालों की संख्या 27 से बढ़कर 30 हो सकती है.
आग की घटना में मरने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर 27 हो गई है. इनमें से 7 शवों की शिनाख्त की जा चुकी है.
शनिवार सुबह तलाशी अभियान के दौरान, दमकल अधिकारियों ने कुछ अवशेष बरामद किए, जिनके बारे में उन्हें मृतक के शव होने का संदेह था.
घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि सुबह हमें कुछ और अवशेष मिले, ऐसा लगता है कि 2-3 लोगों के शव हैं. मरने वालों की संख्या 30 तक पहुंच सकती है. उन्होंने आगे कहा कि इमारत में रखी प्लास्टिक सामग्री के कारण आग तेजी से भड़क उठी.
अधिकारी ने जानकारी दी कि आग लगने के समय 50 लोगों की एक बैठक चल रही थी,और दरवाजा बंद होने के कारण वे अंदर फंस गए. बचाव कार्य समाप्त हो गया है और अब हम इसे खत्म कर रहे हैं.
शनिवार को पश्चिमी दिल्ली के जिलाधिकारी कीर्ति गर्ग ने भी एडीएम धर्मेंद्र कुमार के साथ घटनास्थल का दौरा किया.
एडीएम धर्मेंद्र कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मामूली रूप से घायल लोगों को इलाज करा के बाद घर जाने दिया है जबकि सात अज्ञात शवों को अस्पताल लाया गया. जर्जर इमारत में करीब 80 लोग काम कर रहे थे.
इस बीच, आग की घटना में इमारत से लापता लोगों की संख्या बढ़कर 29 हो गई, जिनमें 24 महिलाएं और 5 पुरुष हैं.
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‘बिल्डिंग के पास नहीं था फायर एनओसी’
वहीं, मामले के बारे में पुलिस ने जानकारी दी है कि जिस कमर्शियल बिल्डिंग में आग लगी है उसके पास फायर एनओसी नहीं थी. साथ ही पुलिस ने बताया कि इमारत का मालिक फरार है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इमारत के मालिक की पहचान मनीष लकड़ा के रूप में हुई है.
डीसीपी समीर शर्मा (आउटर डिस्ट्रिक्ट) ने कहा, ‘इमारत में फायर एनओसी नहीं थी.मनीष लकड़ा सबसे ऊपरी मंजिल पर रहता था जो फिलहाल फरार है. टीम उसकी तलाश कर रही है और उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हमने कंपनी मालिकों को हिरासत में लिया है. संभावना है कि और शव बरामद किए जा सकते हैं.
इस बीच फायर डिपार्टमेंट के डिविजनल ऑफिसर ने यह भी बताया कि सिर्फ एक सीढ़ी थी जिसके कारण लोग इमारत से बाहर नहीं निकल सके.
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह चार मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर कंपनियों के लिए ऑफिस की जगह उपलब्ध कराने के लिए किया जाता था. आग इमारत की पहली मंजिल पर लगी जो सीसीटीवी कैमरों और राउटर निर्माण कंपनी का ऑफिस था.
जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार शाम को दिल्ली के मुंडका में भीषण आग लग गई थी जिसमें अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है.
हालांकि, आग पर काबू पा लिया गया और मामले की जांच जारी है.
दिप्रिंट की बिस्मी तस्कीन के इनपुट के साथ
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