संयुक्त राष्ट्र, 13 मई (भाषा) भारत ने कहा है कि वह यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए विकल्प तलाश रहा है क्योंकि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले अधिकतर छात्र युद्धग्रस्त यूक्रेन से स्वदेश वापस जाने के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन की मानवीय स्थिति पर आयोजित एक परिचर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि यूक्रेन की स्थिति का बच्चों की शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिसने पहले से ही महामारी संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे छात्रों की दिक्कत को और बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति ने भारत सहित अन्य देशों के छात्रों को प्रभावित किया है।
गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद भारत ने यूक्रेन से लगभग 22,500 भारतीयों, जिनमें ज्यादातर छात्र हैं, की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।
रवींद्र ने कहा, ”हम अपने छात्रों की शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए विकल्प तलाश रहे हैं। हम मेडिकल छात्रों के संबंध में मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए यूक्रेनी सरकार द्वारा दी गई छूट की सराहना करते हैं।”
रवींद्र ने दोहराया कि भारत मानवीय गलियारों के जरिये आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित के वास्ते सुरक्षा गारंटी के आह्वान का समर्थन करता है।
भाषा शफीक माधव
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