नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक अपराध के मामलों में जांच एजेंसियों का मुख्य फोकस ठगे गए निवेशकों की धनराशि वापस करने पर होना चाहिए।
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने हीरा गोल्ड मामले में तेलंगाना और गंभीर धोखाधड़ी जांच एजेंसी (एसएफआईओ) की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। कंपनी पर निवेशकों से 5,600 करोड़ रुपये जमा करने का आरोप है।
पीठ ने कहा, ‘‘मुख्य फोकस दावों, संपत्तियों को सत्यापित करने और यह देखने के लिए होना चाहिए कि निवेशकों को अच्छी तरह से उनका धन कैसे वापस हो।’’
शीर्ष अदालत ने हीरा गोल्ड एक्जिम के प्रबंध निदेशक नोहेरा शेख की जमानत रद्द करने की एसएफआईओ की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।
भाषा पाण्डेय
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