जम्मू, 12 मई (भाषा) भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा ट्वीट कर भारतीय अर्थव्यवस्था के भी श्रीलंका की राह पर जाने की चेतावनी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका बयान ‘‘देशद्रोह’’ के दायरे में आता है।
महबूबा ने बुधवार को ट्वीट किया था, “श्रीलंका में जो कुछ भी हुआ उससे सबक लेना चाहिए। वर्ष 2014 से भारत को सांप्रदायिक भय की ओर धकेला जा रहा है। यह उसी अतिराष्ट्रवाद और धार्मिक बहुसंख्यकवाद के रास्ते पर जा रहा है। सामाजिक तानेबाने और आर्थिक सुरक्षा को इसकी कीमत चुकानी होगी।”
इसपर आपत्ति जताते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ.निर्मल सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ महबूबा के बयान से देश के खिलाफ बड़े षडयंत्र की बू आती है और भाजपा इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। यह सभी देशद्रोह के दायरे में आते हैं।’’
उन्होंने कहा कि कश्मीर और श्रीलंका के घटनाक्रम में एक ही समानता है और वह है कि कुछ पार्टी नेता ‘‘देश के बजाय परिवार को तरजीह’’देते हैं। सिंह ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं से कहा कि ‘‘वे देश के संयम की परीक्षा न लें।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर की वंशवाद की राजनीति ने ‘‘भारत को कमजोर’’ किया है। सिंह ने कहा,‘‘ उनके परिवार के प्रति अंधा प्यार और आम लोगों की महत्वकांक्षा और इच्छाओं को नजरअंदाज करने से यह दयनीय स्थिति पैदा हुई है। अनुच्छेद-370 के हटने से महबूबा और अन्य व्यथित है क्योंकि उन्होंने अपनी जागीर खो दी है और ‘नया कश्मीर’ का उभार हुआ है जहां पर सत्ता ग्राम पंचायतों के पास है न कि महबूबा और उनके सहयोगियों के पास।’’
सिंह ने आरोप लगाया कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेस जम्मू-कश्मीर में शांति देख कर परेशान हैं।उन्होंने कहा कि भविष्य में केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के मद्देनजर वे युवाओं को भड़का रहे हैं और इसमें ‘‘ पाकिस्तान का भी समर्थन मिल रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महबूबा अपनी खोई राजनीतिक जमीन को वापस हासिल करने की कोशिश के तहत ‘‘ अपने भड़काऊ भाषणों से सांप्रदायिक तनाव पैदा’’करने की कोशिश कर रही हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘कश्मीर में उनका (महबूबा का) का एजेंडा असफल हो गया है जहां पर निवेशक आ रहे हैं और पर्यटन बढ़ रहा है। अब महबूबा कश्मीर के युवाओं को पत्थरबाजी और अलगाववाद के लिए भड़का रही हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ …क्या महबूबा मुफ्ती उच्चतम न्यायलय के आदेश के खिलाफ कश्मीरियों को भ्रमित नहीं कर रही है। वापी मस्जिद, अयोध्या और ताजमहल न्यायिक मामले हैं, क्या वह मुस्लिम समुदाय को सम्मानित अदालत के खिलाफ भ्रमित कर रही हैं? यह भारत की अदालतों को अपमानित करने की घटिया चाल है।’’
भाषा धीरज उमा
उमा
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