बेंगलुरु, 11 मई (भाषा) कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में भ्रष्टाचार की वजह से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी पी रवींद्रनाथ ने कथित रूप से इस्तीफा दिया है।
रवींद्रनाथ ने मंगलवार को सरकार को भेजे आधिकारिक संदेश में कथित रूप से कहा कि जाली जाति प्रमाण पत्र मामले में शामिल कुछ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बाद उनका वक्त से पहले तबादला कर दिया गया।
अधिकारी का चार मई को पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के पद पर तबादला किया गया था।
सिद्धरमैया ने कहा कि रवींद्रनाथ को उन लोगों की जांच करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का जिम्मा दिया गया था जिन्होंने जाली प्रमाण पत्र हासिल किए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “ रवींद्रनाथ के बयान के मुताबिक, उन्होंने कुछ प्रभावी नेताओं की जांच की और इसलिए सरकार ने उन्हें स्थानांतरित कर दिया” जो सही नहीं है।
कांग्रेस नेता ने मीडिया को जारी एक बयान में आरोप लगाया, “ (पूर्व मंत्री और भाजपा नेता) एमपी रेणुकाचार्य ने अपनी बेटी के लिए ‘बेडा जंगम’ जाति का जाली प्रमाण पत्र लिया। इसकी चर्चा विधानसभा में भी की गई थी। वह ‘बेडा जंगम’ जाति का प्रमाण पत्र हासिल करने के पात्र नहीं हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
विपक्ष के नेता ने कहा, “ जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां हम स्थिरता एवं सुशासन की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। भाजपा की सरकार में काफी भ्रष्टाचार है। हम कैसे न्याय की आशा कर सकते हैं?”
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के राजनीतिक सचिव रेणुकाचार्या ने सिद्धरमैया के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भाषा
नोमान माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.