नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग नमक आयुक्त संगठन (एससीओ) के नियंत्रण वाली लवणता से भरपूर अधिशेष भूमि बेचने की योजना बना रहा है। इसके लिए उसने मूल्यांकनकर्ता के पैनल में शामिल होने के लिए विशेषज्ञों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। ।
विभिन्न राज्यों में खारेपन से भरपूर लगभग 60,000 एकड़ लवणीय भूमि उपलब्ध है। इस जमीन का इस्तेमाल नमक की खेती के लिए किया जाता है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अधीन आने वाले एससीओ के पास इस जमीन का नियंत्रण होता है।
डीपीआईआईटी को मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों, केंद्रीय और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए मुंबई और इसके उपनगरों से इतर स्थानों पर नमक आयुक्त कार्यालय के पास मौजूद लवणीय भूमि के हस्तांतरण के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।
डीपीआईआईटी ने एक विज्ञापन में कहा कि एससीओ की जरूरत से अधिक घोषित भूमि का सामान्य वित्तीय नियमों के अनुसार सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए हस्तांतरण पर विचार किया जाएगा।
इसके मुताबिक, ‘‘केंद्र सरकार के मंत्रालयों या विभागों को छोड़कर अन्य पक्षों को यह भूमि सौंपे जाने पर भूमि का बाजार मूल्य वसूला जाएगा।’’
एससीओ के पास उपलब्ध लवणीय भूमि के बाजार मूल्य के आकलन के लिए विभाग मूल्यांकनकर्ताओं का एक पैनल बनाने पर विचार कर रहा है। एससीओ में मूल्यांकनकर्ता के तौर पर पांच साल की अवधि के लिए आवेदन मंगाए जा रहे हैं।
इच्छुक व्यक्ति 15 मई तक नमक आयुक्त जयपुर को आवेदन भेज सकते हैं।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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