ईटानगर, 10 मई (भाषा) भारत, नेपाल और भूटान के हिमालयी क्षेत्रों में पक्षी प्रेमी इस साल 14 मई को पर्वत श्रृंखला के कई पक्षियों का दस्तावेजीकरण करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
पश्चिम छोर लद्दाख से लेकर सबसे पूर्वी अरुणाचल प्रदेश तक यह ‘हिमालयन बर्ड काउंट’ (एचबीसी) का पहला संस्करण है जिसका उद्देश्य पक्षियों की अतुलनीय विविधता के संरक्षण से लेकर हिमालय में उनके प्रवास पर खतरों को लेकर ध्यान आकृष्ट करना है।
पक्षी गणना का यह आयोजन बर्ड काउंट इंडिया, बर्ड कंजरवेशन नेपाल तथा भूटान स्थित रॉयल सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ नेचर द्वारा किया जा रहा है।
यहां मंगलवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि संगठनों ने सामूहिक रूप से हिमालय की पक्षी जैव विविधता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्थानिक पक्षी दिवस पर कार्यक्रम करने का फैसला किया है।
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में काम कर रहीं सेंटर फॉर इकोलॉजी, डेवलपमेंट एंड रिसर्च (सीईडीएआर) की सीनियर फेलो डॉ. गजाला शहाबुद्दीन ने कहा, “हिमालयन बर्ड काउंट एक ऐसे क्षेत्र में पक्षी विविधता की सतत जानकारी प्रदान कर सकता है, जिस पर जलवायु परिवर्तन की वजह से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इस तरह की जानकारी, वर्षों तक हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि हमारे देश के पक्षियों के साथ क्या हो रहा है।”
इसमें कहा गया कि बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास के कारण भी हिमालय क्षेत्र की जैविक विविधता अभूतपूर्व खतरे में है।
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प्रशांत मनीषा
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