नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) सरकार के कोयला आयात बढ़ाकर बिजली आपूर्ति की कमी को दूर करने के उपायों से 2022-23 में बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम की आपूर्ति लागत में 4.5-5 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह अनुमान लगाया है।
इक्रा ने कहा कि बिजली मंत्रालय ने पांच मई को विद्युत अधिनियम की धारा-11 के तहत एक निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी पूरी क्षमता पर परिचालन करें।
इस निर्देश के मुताबिक, घरेलू कोयले पर आधारित सभी राज्यों और बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) को अपनी ईंधन जरूरत का कम से कम 10 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करना होगा। उन्हें आयातित कोयले का घरेलू कोयले में मिश्रण कर बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करना होगा।
मंत्रालय का यह निर्देश 31 अक्टूबर, 2022 तक मान्य है।
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) गिरीशकुमार कदम ने कहा कि अप्रैल और मई, 2022 में अखिल भारतीय स्तर पर बिजली की मांग क्रमशः 11.5 प्रतिशत और 17.6 प्रतिशत बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि पारा चढ़ने के साथ जहां बिजली की मांग बढ़ी है वहीं घरेलू स्तर पर कोयले की आपूर्ति में कमी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके दाम चढ़ने से बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है।
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