नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) रेलवे को विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता कम करने के लिए 2,114 करोड़ रुपये मूल्य के स्थानीय स्तर पर विकसित प्रौद्योगिकी समाधान मुहैया कराएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि सी-डॉट और रेलवे के बीच इस आशय के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत सी-डॉट रेलवे में इस्तेमाल होने वाली विदेशी प्रौद्योगिकी के घरेलू समाधान मुहैया कराएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘वित्तीय संदर्भ में रेलवे सी-डॉट की 2,114 करोड़ रुपये मूल्य की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करेगा।’’
सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक राजकुमार उपाध्याय ने कहा कि इस भागीदारी से न केवल रेलवे की विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता कम होगी बल्कि सुरक्षा से जुड़े जोखिम भी कम होंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे की जरूरतों के हिसाब से प्रौद्योगिकी समाधान पेश किए जाएंगे।
इस व्यवस्था के तहत सी-डॉट स्वदेशी तकनीकों के विकास में अपनी शोध एवं विकास विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेगा और रेलवे अपने विशाल नेटवर्क में उन्हें लागू करेगा।
रेलवे बोर्ड की अतिरिक्त सदस्य (दूरसंचार) अरुणा सिंह ने कहा कि सी-डॉट एवं रेल मंत्रालय के बीच तालमेल से रेलवे को अपनी दूरसंचार जरूरतें पूरा करने में मदद मिलेगी। यह आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद को भी मजबूत करेगा।
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