नई दिल्ली: श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राजपक्षे का देश इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
राजपक्षे बंधु- प्रधानमंत्री महिंदा और राष्ट्रपति गोटाबाया, देश में अब तक चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं थे.
सोमवार को देशभर में कर्फ्यू लगा दिया गया जब सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों ने एक विरोध स्थल पर धावा बोल दिया. उनके समर्थकों ने ये तब किया जब उन्हें ये पता चला कि राजपक्षे इस्तीफा देंगे.
यह पता चला है कि राष्ट्रपति ने शुक्रवार को एक विशेष बैठक में प्रधानमंत्री से ‘देश में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट के समाधान’ के लिए पद छोड़ने को कहा था.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को जनता से संयम बरतने की और यह याद रखने की अपील की कि हिंसा से केवल हिंसा ही बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक संकट के आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसके लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है.
राजपक्षे का बयान देश में हिंसा की घटनाओं के बीच आया है जिसमें कम से कम 16 लोग घायल हो गये. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास के पास एक प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया जिसके बाद पुलिस को राजधानी में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
‘श्रीलंका में भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है’
राजपक्षे ने ट्वीट किया, ‘श्रीलंका में भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है, ऐसे में मैं आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने की अपील करता हूं कि हिंसा से केवल हिंसा फैलेगी. आर्थिक संकट में हमें आर्थिक समाधान की जरूरत है जिसे यह प्रशासन हल करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
While emotions are running high in #lka, I urge our general public to exercise restraint & remember that violence only begets violence. The economic crisis we're in needs an economic solution which this administration is committed to resolving.
— Mahinda Rajapaksa (@PresRajapaksa) May 9, 2022
महिंदा के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर देश के सामने मौजूद सबसे भयावह आर्थिक संकट से निपटने के लिए अंतरिम प्रशासन के गठन का दबाव है.
महिंदा राजपक्षे (76) पर उनकी अपनी श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के नेताओं की ओर से इस्तीफे का दबाव है. वह इस दबाव के खिलाफ समर्थन जुटा रहे हैं.
ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘डेली मिरर’ की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री के समर्थकों ने उनके आधिकारिक आवास ‘टेंपल ट्रीज’ के पास प्रदर्शन स्थल ‘मैनागोगामा’ के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया. इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गये.
‘हीरू न्यूज’ वेबसाइट के अनुसार पुलिस ने एसएलपीपी के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. वहीं अग्रणी समाचार नेटवर्क ‘लंका फर्स्ट’ के अनुसार एक भीड़ ने टेंपल ट्रीज के सामने मौजूद तंबुओं को उखाड़ दिया.
प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर ‘मैनागोगामा’ प्रदर्शन स्थल स्थापित किया गया है. प्रधानमंत्री ने अपने समर्थकों से कहा कि वह जनता के लिए ‘कोई भी बलिदान’ देने को तैयार हैं.
श्रीलंका इस समय 1948 में ब्रिटेन से इसकी आजादी के बाद के अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
यह भी पढ़े: पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने इमरान खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी