कोलंबो, सात मई (भाषा) श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी ‘टीएनए’ के एक प्रमुख नेता एवं सांसद ने कहा है कि भारत और अमेरिका समेत अन्य मित्र देशों को श्रीलंका में लंबे समय से जारी राजनीतिक संकट को समाप्त करने और देश में एक स्वीकार्य सरकार के गठन में मदद के वास्ते सत्ताधारी लोगों को पद छोड़ने के लिए ‘प्रोत्साहित’ करना चाहिए।
तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसद एम. ए. सुमंथिरन ने श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि टीएनए इस बात की वकालत करती है कि मौजूदा शासकों को पद छोड़ देना चाहिए और सरकार चलाने की बागडोर विपक्ष को सौंप देनी चाहिए।
वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह संकट आंशिक रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण है, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सकता है।
नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। बढ़ते दबाव के बावजूद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके बड़े भाई एवं प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।
यह पूछे जाने पर कि भारत और अमेरिका श्रीलंका की मदद कैसे कर सकते हैं, सुमंथिरन ने कहा, “भारत, अमेरिका और सभी मित्र देशों को सत्ता में बैठे लोगों को पद छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम श्रीलंका की सहायता करने के लिए भारत के आभारी हैं।’’
भाषा संतोष देवेंद्र
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