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Saturday, 5 October, 2024
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सीसीएचएफडब्ल्यू ने कोविड मौतों पर डब्ल्यूएचओ के मॉडल को त्रुटिपूर्ण बताते हुए प्रस्ताव पारित किया

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केवडिया (गुजरात), छह मई (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद (सीसीएचएफडब्ल्यू) के सम्मेलन में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के भारत में कोविड-19 से जुड़ी 47 लाख मौतों के अनुमान पर कड़ी आपत्ति जताई गई।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव में कहा गया है कि आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मॉडलिंग पद्धति ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ है और डब्ल्यूएचओ का अनुमान भारत के लिए ‘‘अस्वीकार्य’’ है क्योंकि देश एक पारदर्शी और कानूनी प्रक्रिया के बाद व्यवस्थित रूप से कोविड की मौतों को दर्ज करता है।

गुजरात के केवडिया में सीसीएचएफडब्ल्यू सम्मेलन के दूसरे दिन लगभग 20 राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सर्वसम्मति से डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से डब्ल्यूएचओ को देश की निराशा से अवगत कराने तथा इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का आग्रह किया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड, सिक्किम और महाराष्ट्र के मंत्री शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो वर्षों में दुनिया में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत हुई। यह आधिकारिक आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है और दुनिया में संक्रमण से कुल मौतों का एक तिहाई है।

सीसीएचएफडब्ल्यू के 14वें सम्मेलन में शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। प्रस्ताव के अनुसार भारत में मृत्यु पंजीकरण की एक मजबूत, कानूनी रूप से अनिवार्य व्यापक प्रणाली है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण कानून-1969 के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश देश में मौतों की वास्तविक संख्या का दस्तावेजीकरण करते हैं।

भारत ने डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रामाणिक आंकड़ों की उपलब्धता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी से संबंधित अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस्तेमाल किए गए मॉडल और डेटा संग्रह की कार्यप्रणाली संदिग्ध है। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत इस मुद्दे को विश्व स्वास्थ्य एसेंबली और आवश्यक बहुपक्षीय मंचों पर उठा सकता है।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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