मुंबई, छह मई (भाषा) दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों के सख्ती के चलते वैश्विक बाजारों में बिकवाली के बीच शुक्रवार को प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक टूटकर 55,000 के नीचे बंद हुआ।
विदेशी कोषों के लगातार बाजार से पैसा निकालने, कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती और रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी बाजार की धारणा पर असर पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 866.65 अंक या 1.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,835.58 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में एक वक्त सेंसेक्स 1,115.48 अंक या दो प्रतिशत की गिरावट के साथ 54,586.75 पर पहुंच गया था।
इसी तरह एनएसई निफ्टी 271.40 अंक या 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,411.25 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स शेयरों में बजाज फाइनेंस सर्वाधिक 4.91 प्रतिशत नुकसान में रहा। इसके अलावा एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, नेस्ले, विप्रो, एचडीएफसी, इंफोसिस, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही।
दूसरी ओर टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, आईटीसी, एसबीआई और एनटीपीसी में 2.21 प्रतिशत तक कर तेजी रही।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 2,225.29 अंक या 3.89 प्रतिशत टूटा, जबकि निफ्टी में 691.30 अंक या 4.04 प्रतिशत की गिरावट हुई।
व्यापक बाजारों में बीएसई स्मॉलकैप 2.10 प्रतिशत और मिडकैप 2.06 प्रतिशत कमजोर हुए।
बीएसई के ज्यादातर क्षेत्रवार सूचकांक गिरकर बंद हुए। इस दौरान रियल्टी 3.53 प्रतिशत, धातु 3.10 प्रतिशत, बुनियादी पदार्थ 2.80 प्रतिशत, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं 2.41 प्रतिशत और आईटी 2.27 प्रतिशत टूटे। उपयोगी सेवाओं और बिजली क्षेत्र में तेजी हुई।
इस दौरान कुल 2,519 शेयर कमजोर हुए, 835 शेयर बढ़े और 106 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे जबकि जापान का निक्की बढ़त में रहा।
यूरोप में प्रमुख शेयर बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में भी बृहस्पतिवार को गिरावट रही।
हेम सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीएमएस) मोहित निगम ने कहा, ‘‘एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के बाद बुधवार को अमेरिकी बाजारों में एक राहत भरी तेजी देखी गई, लेकिन बढ़ती ब्याज दरों पर चिंता के कारण बृहस्पतिवार को यह रुख बदल गया।’’
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बृहस्पतिवार को अपनी प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाने का फैसला किया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ ही बिकवाली के दबाव से वैश्विक बाजार गिरने लगे। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करते हुए, मंदी के संभावित जोखिम के बारे में चेतावनी दी।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.20 फीसदी चढ़कर 113.3 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 57 पैसे टूटकर 76.92 (अस्थायी) पर पहुंच गई।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 2,074.74 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा पाण्डेय रमण
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