तिरुवनंतपुरम, पांच मई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यमन में 2017 में एक स्थानीय कारोबारी की कथित तौर पर हत्या करने के लिये मृत्युदंड का सामना कर रही भारतीय नर्स को माफी दिलाने समेत सभी विकल्पों पर केंद्र विचार कर रहा है।
यमन की जेल में बंद केरल की रहने वाली नर्स निमिषाप्रिया की रिहाई के लिये राज्य सभासदस्य जॉन ब्रिटास ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था। उन्हें लिखा अपने पत्र में जयशंकर ने कहा, “सामुदायिक संगठनों के सहयोग से आदिवासी रीतिरिवाजों व परंपराओं से राहत मिलने की संभावना भी तलाशी जा रही है।”
मंत्री ने 27 अप्रैल को लिखे पत्र में कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि विदेश में भारतीयों का कल्याण भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और निमिषाप्रिया मामले को हम पूरा महत्व देते रहेंगे।”
इससे पहले ब्रिटास ने जयशंकर को पत्र लिखकर मामले में उनसे हस्तक्षेप का अनुरोध किया था।
केरल से राज्यसभा सदस्य ने अपने पत्र में मंत्री से ‘सेव निमिषाप्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ और मृतक के परिवार के बीच “रचनात्मक चर्चा” के लिये “कार्रवाई का नेतृत्व” करने का अनुरोध किया था जिससे उन्हें मौत के मुआवजे के बदले धन स्वीकार कर निमिषाप्रिया को माफ करने के लिये तैयार किया जा सके।
उन्होंने कहा, पता चला है कि कार्रवाई परिषद यमन की सरकार और क्षेत्र के अन्य प्रभावशाली लोगों से आवश्यक बातचीत कर मुआवजे का भुगतान करने के लिये तैयार है।
निमिषाप्रिया 2012 में रोजगार के लिये यमन गई थीं और उन्हें अगस्त 2017 में यमनी कारोबारी तलाल अल ओडैनी की कथित तौर पर हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर सजा सुनाई गई थी।
भारत सरकार ने निमिषाप्रिया के बचाव के लिए एक वकील नियुक्त किया था।
भाषा
प्रशांत माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.