नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार डेटा बैंक के उपयोग से एक अज्ञात आरोपी की पहचान के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका का विरोध किया। इसके साथ ही प्राधिकरण ने कहा कि आधार संख्या और उसके प्रमाणीकरण के अलावा किसी अन्य मकसद के लिए बायोमीट्रिक जानकारी साझा करने या उसका उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
अभियोजन पक्ष की याचिका के जवाब में दायर स्थिति रिपोर्ट में यूआईडीएआई ने कहा कि बायोमीट्रिक जानकारी किसी व्यक्ति के लिए विशेष है और यह संवेदनशील जानकारी है। उसने कहा कि जानकारी के दुरुपयोग की किसी भी आशंका को नाकाम करने के लिए उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है और याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत आधार कानून, 2016 की धारा 29 के ठीक विपरीत होगी।
अभियोजन पक्ष ने यूआईडीएआई को उन अज्ञात आरोपियों की उंगलियों के निशान और तस्वीरों का मिलान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था जिन्होंने कथित तौर पर डकैती और हत्या जैसे अपराध किए थे। अभियोजन पक्ष ने आरोपियों की पहचान के बारे में जानकारी दिए जाने का अनुरोध किया था।
यूआईडीएआई ने कहा कि आधार कानून में ‘कोर बायोमीट्रिक जानकारी’ को परिभाषित किया गया है और उन्हें किसी भी कारण से साझा करने या उपयोग करने पर स्पष्ट रोक हैं। स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि यूआईडीएआई फॉरेंसिक मकसदों के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों, मानकों या प्रक्रियाओं के आधार पर बायोमीट्रिक जानकारी नहीं एकत्र करता।
प्राधिकरण ने कहा कि इन दलीलों के मद्देनजर वर्तमान याचिका खारिज किए जाने लायक है।
भाषा अविनाश मनीषा
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