इंदौर (मध्यप्रदेश), पांच मई (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में अनुसंधान के जरिये रेल, हवाई जहाज, ट्रक, बस और कारखानों को हाइड्रोजन से चलाने की ओर कदम बढ़ाना वक्त की मांग है।
उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों के भारी-भरकम आयात पर निर्भरता घटाने के लिए वैकल्पिक ईंधनों को बढ़ावा दिए जाने पर जोर देते हुए यह बात कही।
गडकरी ने ‘आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम’ विषय पर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित व्याख्यान में कहा,‘‘आज हम पानी से हाइड्रोजन निकालकर कार चला सकते हैं। मैं खुद हाइड्रोजन से चलने वाली कार इस्तेमाल करता हूं। जब यह कार चलती है तो न आवाज आती है, न ही इससे धुआं निकलता है।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाले दिनों में रेल, हवाई जहाज, ट्रक और बस के साथ ही खासकर रसायन व सीमेंट बनाने वाले कारखानों को हाइड्रोजन सरीखे वैकल्पिक ईंधन से चलाने की ओर कदम बढ़ाए जाने चाहिए और इसके लिए अनुसंधान किया जाना चाहिए।
गडकरी ने अलग-अलग चीजों के आयात पर देश की निर्भरता को लेकर चिंता जताते हुए कहा,‘‘हम हर साल कुल 10 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों और पेट्रोल-डीजल का आयात कर रहे हैं। हमारे पास कोयले के भंडार हैं, पर हमें कोयला आयात करना पड़ रहा है। इसी तरह, हमें तांबे और लोहे का भी आयात करना पड़ रहा है जबकि हमारे पास इनके अयस्कों के भंडार हैं।’’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्माण क्षेत्र को विशेष प्रोत्साहन देकर निर्यात बढ़ाने और आयात घटाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इन दिनों दुनिया भर में सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत चल रही है, जबकि जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में तकनीकी बदलावों के चलते वाहनों में इस चिप की मांग और बढ़ेगी।
गडकरी ने यह भी कहा कि इस्पात निर्माताओं द्वारा इसके भाव बढ़ाए जाने के बाद वह देश के निर्माण क्षेत्र में इस्पात फाइबर को अनुमति देने जा रहे हैं जो इस्पात से 40 प्रतिशत सस्ता है।
गडकरी ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की बड़े बजट की कुछ परियोजनाओं का हवाला देते हुए कहा,‘‘देश में सरकारी परियोजनाओं के लिए पूंजी की कोई कमी नहीं है। मजबूत तथा सकारात्मक राजनीतिक इच्छाशक्ति इस सिलसिले में सबसे महत्वपूर्ण है। संसाधन और तकनीक की जरूरत तो बाद में पड़ती है।’’
उन्होंने परिवहन क्षेत्र में सरकार की नवाचारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा,‘‘हम देश में पानी पर उतरने वाले हवाई जहाज ला रहे हैं। मैं देश में एक बस भी लाने जा रहा हूं। यह बस फिलीपींस में है जो हवा में उड़ती है और इसमें 250 लोग बैठ सकते हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने देश के नागरिकों में उद्यमिता जगाए जाने पर जोर देते हुए व्याख्यान में बड़ी संख्या में मौजूद विद्यार्थियों से कहा,‘‘आपको नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए।’’
भाषा हर्ष धीरज
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