कोलकाता, पांच मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सामने आएगी जिसमें स्थानीय अधिकारियों को जनता के दबाव के कारण मदद का हाथ बढ़ाने के लिए ”मजबूर” होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ”बीएसएफ को यह सुनिश्चित करना होता है कि सीमाएं अभेद्य हों। सीमाओं की रक्षा करना उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना घुसपैठ और तस्करी को रोकना मुश्किल है।”
शाह ने उत्तर 24 परगना जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”हालांकि, हमें विश्वास है कि जल्द ही एक ऐसी राजनीतिक स्थिति सामने आएगी जिसमें जनता के दबाव के कारण आपको वह सहयोग मिल जाएगा। हर कोई हर तरह का सहयोग देने के लिए मजबूर होगा।”
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शाह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि सीमाओं की रक्षा करना बीएसएफ का कर्तव्य है।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ”वह दूसरों पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश कर रहे हैं। सीमाओं की सुरक्षा करना बीएसएफ का कर्तव्य है। स्थानीय प्रशासन ने बल को हर संभव मदद मुहैया कराई है।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने देश की सीमाओं की सुरक्षा में सीमा सुरक्षा बल की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार का एक मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि देश बाहर और अंदर दोनों तरफ से सुरक्षित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है क्योंकि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं।”
उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना मोदी सरकार का मूल लक्ष्य है।
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार बीएसएफ की महिला जवानों को लाभ पहुंचाने के लिए पांच साल का कार्यक्रम लेकर आई है।
उन्होंने कहा, ”मैं सीमाओं पर जवानों को होने वाली कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ हूं। इसलिए हम आवास कार्यक्रम और कई अन्य नीतियां लेकर आए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जवानों को अपने परिवारों के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिले।”
उन्होंने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा के लिए तैनात हमारे जवानों को कम से कम कठिनाई हो, इसके लिए मोदी सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि जवानों के परिवार की सभी तकलीफों को दूर करने के लिए मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
शाह ने हरिदासपुर में ‘मैत्री संग्रहालय’ की आधारशिला रखते हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में बीएसएफ की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा कि बॉर्डर सुरक्षा के लिए हम अपने जवानों को दुनिया की सबसे आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं।
इससे पहले दिन में, शाह ने सुंदरबन के हिंगलगंज में फ्लोटिंग सीमा चौकियों (जलीय सीमाओं की रक्षा के लिए जहाजी बेड़ा, पोत, नौका) का उद्घाटन किया और 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद पहली बार पश्चिम बंगाल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान एक नाव एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाई।
उन्होंने कहा कि सतलुज, कावेरी और नर्मदा फ्लोटिंग सीमा चौकियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की प्रतीक हैं।
उन्होंने बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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