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Monday, 18 November, 2024
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सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं के बजाय 55 लाख टन अतिरिक्त चावल आवंटित किया

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नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने अगले साल से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पोषक तत्वों से समृद्ध किये गये चावल की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए राज्यों की मांग पर मुफ्त राशन योजना- पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं के स्थान पर 55 लाख टन अतिरिक्त चावल आवंटित किया है। ।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने स्पष्ट किया कि ऐसा उत्पादन में अपेक्षित गिरावट और निर्यात में वृद्धि के बाद सरकार की गेहूं खरीद में संभावित गिरावट के मद्देनजर नहीं किया जा रहा है।

पांडेय ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे गेहूं की खपत वाले राज्यों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत गेहूं मिलता रहेगा।

उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं के स्थान पर अतिरिक्त चावल उपलब्ध कराने का निर्णय सभी राज्यों से परामर्श के बाद लिया गया और अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ लगभग 4,800 करोड़ रुपये होगा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को राशन की दुकानों, जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) भी कहा जाता है, के माध्यम से केंद्र द्वारा रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।

जबकि पीएमजीकेएवाई के तहत – मार्च 2020 में कोरोनो वायरस महामारी के दौरान लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए शुरू किया गया – एनएफएसए लाभार्थियों को लगभग पांच किलो मुफ्त अनाज वितरित किया जाता है।

पीएमजीकेएवाई को कई बार विस्तार दिया जा चुका है। अब यह सितंबर, 2022 तक जारी रहेगी। पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं के स्थान पर चावल आवंटित करने के कारणों का हवाला देते हुए सचिव ने कहा कि केंद्र अगले साल से एनएफएसए लाभार्थियों को पीडीएस वितरण के लिए पोषक तत्वों से समृद्ध किये गये (फोर्टिफाइड) चावल का पर्याप्त स्टॉक रखने का प्रयास कर रहा है।

वर्तमान में, सरकार के पास अतिरिक्त चावल का भंडार है, जो एनएफएसए की 3.5 करोड़ टन की आवश्यकता से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि पिछले साल सरकार की चावल की खरीद करीब छह करोड़ टन थी और यह इस साल भी इसी स्तर के आसपास होगी।

चालू वर्ष में सरकार महत्वाकांक्षी और भारी बोझ वाले जिलों में, और आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) और पीएम-पोषण के लिए भी पोषक तत्व से समृद्ध चावल का वितरण कर रही है।

पांडेय ने कहा, ‘‘अगले साल, हम पूरे पीडीएस के लिए फोर्टिफाइड चावल वितरित करेंगे। इसलिए, यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह अपने स्टॉक को इस तरह से रखे कि हमें फोर्टिफाइड चावल प्राप्त हो और अगले साल इसे वितरित किया जा सके।’’

सरकार के पास इस समय 83,000 टन का अधिशेष फोर्टिफाइड चावल का भंडार है। उन्होंने कहा कि इस साल पीएम-पोषण, आईसीडीसी और आकांक्षी जिलों के लिए लगभग 1.75 करोड़ टन फोर्टिफाइड चावल की आवश्यकता है, जिसके मुकाबले 86 लाख टन फोर्टिफाइड चावल पहले से ही उपलब्ध है।

पांडेय ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि हम इस साल फोर्टिफाइड चावल तैयार करने के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होंगे और साथ ही अगले साल पीडीएस के तहत फोर्टिफाइड चावल वितरण के इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए खुद को तैयार करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि इन कारकों के कारण केंद्र ने पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं के स्थान पर अतिरिक्त 55 लाख टन चावल आवंटित किया है, और एनएफएसए के तहत गेहूं के स्थान पर चावल के वितरण के लिए राज्यों के साथ भी बातचीत कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि वर्ष 2024 तक सभी केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल प्रदान किया जाएगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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