नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार से राज्य के जोधपुर क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक तनाव की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों ने बुधवार को जानकारी दी.
सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय हालात की ‘नजदीकी से निगरानी’ कर रहा है और राज्य प्रशासन और पुलिस महकमे से इनपुट्स प्राप्त कर रहा है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर में ईद से कुछ घंटे पहले मंगलवार को तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी, अधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने और शहर के 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
जोधपुर में जालोरी गेट सर्कल पर धार्मिक झंडे लगाने को लेकर आंदोलन हुआ, जिसको लेकर पथराव हुआ जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए.
राज्य के मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है.
घटना के बाद, जोधपुर पुलिस ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के अलावा 4 मई की मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए.
पुलिस की भारी तैनाती से मंगलवार तड़के स्थिति पर काबू पा लिया गया लेकिन ईदगाह पर नमाज के बाद सुबह फिर तनाव बढ़ गया.
जालोरी गेट क्षेत्र के पास दुकानों, वाहनों और घरों पर पथराव किया गया.
अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य ईद के झंडे लगा रहे थे और उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा के साथ एक चौराहे पर झंडा लगा दिया. इससे एक टकराव हुआ क्योंकि दूसरे समुदाय के सदस्यों ने आरोप लगाया कि एक भगवा झंडा, जिसे उन्होंने परशुराम जयंती से पहले वहां लगाया था, गायब हो गया था.
अधिकारियों ने कहा कि यह मुद्दा पथराव और झड़प में बदल गया.
पुलिस ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची, जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए.
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. अधिकारियों ने बताया कि अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.