दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के चित्रित कार्टून में, संदीप अध्वर्यु, ईद-उल-फितर के अवसर पर, भारत के विभिन्न हिस्सों में जारी सांप्रदायिक विद्वेष पर कटाक्ष करते हैं. पिछले कुछ दिनों में राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य जगहों से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं.
मंजुल ने देश में अभूतपूर्व गर्मी की लहर पर प्रकाश डाला, यह खबर सामने आने के बाद कि अप्रैल 2022 122 वर्षों में तीसरा सबसे गर्म अप्रैल था. कुछ राज्यों में लोगों की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन लागू करने के साथ, कार्टूनिस्ट बताते हैं कि यह लगातार तीसरी गर्मी है जब लोगों को दो कोविड वर्षों के बाद घर के अंदर रहने की संभावना का सामना करना पड़ा है.
सतीश आचार्य ‘चिराग तले अंधेरा’ (यह हमेशा दीपक के नीचे अंधेरा होता है) कहावत का इस्तेमाल करते हुए कई राज्यों में बिजली संकट का चित्रण करते हैं. वह लोगों को बिजली (बिजली) उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ताकत’ पर भी कटाक्ष करते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भीषण बिजली आपूर्ति संकट से निपटने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी, लेकिन सरकार ने कोयले के आयात के लिए जून के अंत की समय सीमा तय की.
भारत की कोविड वैक्सीन नीति पर सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम फैसले का जिक्र करते हुए, कीर्तीश भट्ट इस बात का मजाक उड़ाते हैं कि कि लोगों को टीका लगाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, लेकिन टीके का शॉट ले चुके लोगों का उसे फिर से निकालने का कोई तरीका नहीं है.
दि इकोनॉमिक्स टाइम्स में आर प्रसाद ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बाबरी मस्जिद टिप्पणी को ‘मैं वहां नीचे गिराने के दौरान था‘ पर प्रकाश डाला है. फडणवीस ने भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि वह इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि 6 दिसंबर 1992 को विध्वंस के समय शिवसेना का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. यह पंचलाइन ‘तू से भी पवित्र’ कहावत के संदर्भ में है.