लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रमुख एवं अपने भतीजे अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने उन्हें ‘संतुष्ट’ करने के लिए अपने आत्मसम्मान से समझौता किया लेकिन बदले में उन्हें केवल ‘दर्द’ मिला.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपीएल) के प्रमुख ने अपने भतीजे के साथ अनबन की खबरों के बीच मंगलवार को कहा, ‘हमने उसे चलना सिखाया और वह हमें रौंदता चला गया.’
उन्होंने अपने ट्वीट में किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘अपने सम्मान के न्यूनतम बिंदु पर जाकर मैंने उसे संतुष्ट करने का प्रयास किया. इसके बावजूद भी अगर नाराज हूं तो किस स्तर तक उसने हृदय को चोट दी होगी.’
शिवपाल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन किया था.
दोनों नेताओं ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले रास्ते अलग कर लिए थे, जिसके बाद शिवपाल ने अपनी पार्टी बनाई थी.
हालांकि, उन्होंने पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कहने पर मेलमिलाप के बाद इस साल सपा के चुनाव चिह्न पर विधानसभा चुनाव लड़ा था.
मार्च में सपा विधायकों की बैठक में शिवपाल को आमंत्रित नहीं किए जाने पर उनके और अखिलेश के बीच मतभेद फिर सामने आ गए थे.
वरिष्ठ समाजवादी नेता ने खुद को आहत महसूस करते हुए विधायक के रूप में शपथ लेने में देरी की थी.
शपथ लेने के बाद, शिवपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी जिससे उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं.
इन अटकलों को तब और बल मिला जब उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फॉलो करना शुरू कर दिया.
अखिलेश ने कई मौकों पर अपने चाचा की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों की खबरों पर कटाक्ष किया है.
उन्होंने एक अवसर पर अपने चाचा को एक स्पष्ट संदेश में कहा कि भाजपा से नजदीकी रखने वालों के लिए सपा में कोई जगह नहीं है.
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