बेंगलुरू, एक मई (भाषा) इजराइल स्थित आईएसएमसी एनालॉग फैब प्राइवेट लिमिटेड ने कर्नाटक में 22,900 करोड़ रुपये के परिव्यय से सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है।
एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी इस परियोजना को सात साल की अवधि में लागू करेगी, जिसमें 1500 लोगों के लिए रोजगार की संभावना होगी।
आईटी, बीटी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ ई वी रमना रेड्डी और आईएसएमसी के निदेशक अजय जालान ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
समझौते का स्वागत करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह एमओयू सेमीकंडक्टर निर्माण को आकर्षित करने के लिए विभिन्न राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण समझौता है। कर्नाटक मानता है कि केवल राजकोषीय प्रोत्साहन ही नहीं, बल्कि अनुकूल माहौल की उपलब्धता और परिचालन में सुगमता भी महत्वपूर्ण है।’’
कर्नाटक में सबसे अच्छा बुनियादी ढांचा उपलब्ध होने और कुशल प्रतिभाओं की बहुतायत को रेखांकित करते हुए बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार न केवल व्यवसायों में प्रवेश की बाधाओं को कम करने की कोशिश कर रही है, बल्कि व्यवसायों से बाहर निकलना भी आसान बना रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत नीतियों, प्रतिबद्ध टीम, सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचे और श्रमिकों के बढ़ती प्रतिभा पूल के साथ, कर्नाटक निवेश का प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। मैं आप सभी को इस विकास कथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।’’
आईटी-बीटी और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सी एन अश्वथ नारायण के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, आईएसएमसी ने मैसूर के कोचनहल्ली औद्योगिक क्षेत्र में 150 एकड़ जमीन का अनुरोध किया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार से परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद यह केंद्र सरकार के भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन के तहत देश की पहली और सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों में से एक होगी।’’
इस परियोजना से 1,500 से अधिक प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।
भाषा सुरेश दिलीप
दिलीप
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