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Sunday, 29 September, 2024
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केवीआईसी ने वर्ष 2021-22 में किया 1.15 लाख करोड़ रुपये का कारोबार

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया जो एक साल पहले की तुलना में 20.54 प्रतिशत अधिक है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि खादी उत्पादों के कारोबार से जुड़े केवीआईसी ने एक ऐसी ऊंचाई हासिल की है जो भारत में रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पादों से जुड़ी एफएमसीजी कंपनियों के लिए दूर का लक्ष्य बना हुआ है।

केवीआईसी का प्रशासकीय नियंत्रण करने वाले एमएसएमई मंत्रालय ने कहा, ‘‘केवीआईसी ने पहली बार 1.15 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है, जो देश में किसी भी एफएमसीजी कंपनी के लिए अभूतपूर्व है। यह केवीआईसी को एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली देश की एकमात्र कंपनी बनाता है।’’

पिछले वित्त वर्ष में केवीआईसी का कुल कारोबार 95,741.74 करोड़ रुपये रहा था। इसकी तुलना में 20.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए केवीआईसी ने वर्ष 2021-22 में 1,15,415.22 करोड़ रुपये का कारोबार किया है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘वर्ष 2014-15 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्रों में कुल उत्पादन 172 प्रतिशत बढ़ा है जबकि इस दौरान सकल बिक्री में 248 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।’’

बयान के मुताबिक, अप्रैल-जून 2021 में देश में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान लगे आंशिक लॉकडाउन के बावजूद केवीआईसी के कारोबार में विस्तार हुआ है।

खादी क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2021-22 में 43.20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि एक साल पहले यह कारोबार 3,528 करोड़ रुपये रहा था। वर्ष 2014-15 के बाद के आठ वर्षों में खादी क्षेत्र में उत्पादन 191 प्रतिशत बढ़ा है जबकि खादी की बिक्री में 332 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वित्त वर्ष 2021-22 में अकेले ग्रामोद्योग क्षेत्र में कारोबार 1,10,364 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 92,214 करोड़ रुपये था। पिछले आठ वर्षों में इस क्षेत्र में उत्पादन 172 प्रतिशत बढ़ा है जबकि बिक्री में 245 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने देश में खादी के अभूतपूर्व विकास का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निरंतर समर्थन को देते हुए कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के समर्थन से भी इसमें मदद मिली है। सक्सेना ने कहा, ‘‘स्वदेशी और विशेष रूप से खादी को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता हासिल करने की प्रधानमंत्री की अपीलों ने चमत्कार किया है।’’

भाषा प्रेम मानसी

मानसी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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