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Saturday, 28 September, 2024
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ईडी अधिकारी की आवाज का नमूना एकत्र करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक

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कोलकाता, 29 अप्रैल (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश पर शुक्रवार को आगामी ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के बाद तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक संयुक्त निदेशक की आवाज के नमूने को एक मामले के संबंध में यहां पुलिस के अनुरोध पर एकत्र करने का निर्देश दिया गया था।

न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने कहा कि ईडी अधिकारी द्वारा एक गंभीर आरोप लगाया गया है कि मजिस्ट्रेट के आदेश में जालसाजी की गई है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि 28 मार्च की संबंधित तारीख के आदेश को निचली अदालत में एक सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रखा जाए।

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने निर्देश दिया, ‘‘ईडी अधिकारी की आवाज का नमूना एकत्र करने के निर्देश से संबंधित उक्त आदेश के क्रियान्वयन का सवाल है, उसके क्रियान्वयन पर आगामी गर्मियों की छुट्टी के तीन सप्ताह बाद तक रोक लगा रहेगी।’’

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता द्वारा एक गंभीर आरोप लगाया गया है कि मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश में जालसाजी की गई है। इसलिए, मामले को विस्तार से सुनने की जरूरत है।’’

अप्रैल 2021 में, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद अभिषेक बनर्जी की एक शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।

ईडी के संयुक्त निदेशक कपिल राज की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने कहा कि वह कथित कोयला खनन घोटाले से संबंधित आरोपों की धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत जांच कर रहे हैं जिसमें भारी मात्रा में धन शामिल है।

उन्होंने कहा कि मामले में कई प्रभावशाली नेताओं के नाम सामने आए हैं और जवाबी कार्रवाई के रूप में, ऐसी कार्यवाही केवल ईडी के अधिकारियों को परेशान करने के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए उन्हें पहले दिए गए निर्देशों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो मौकों पर पहले ही रोक लगा दी थी।

राजू ने दावा किया कि इन सभी को छुपाकर ईडी अधिकारी की आवाज का नमूना लेने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दी गई थी। एएसजी ने कहा कि वर्तमान मामले के संबंध में ईडी अधिकारी की आवाज के नमूने के संग्रह के लिए कोई मामला नहीं बनता है।

राज्य की ओर से पेश वकील की अपील पर अदालत ने निर्देश दिया कि याचिका की एक प्रति लोक अभियोजक के माध्यम से राज्य को मुहैया करायी जाए।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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