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Friday, 22 November, 2024
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‘योगी ने कहा, गरीब के घर पर बुलडोजर नहीं चला सकते’ – बीजेपी विधायक बलिया में अधिकारी पर क्यों भड़कीं

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बांसडीह विधायक केतकी सिंह तहसीलदार को धमकी देते हुए दिख रही हैं कि अगर बलिया जिले के उदाहा गांव में घर गिरा देते तो वह खुद 'तहसील को आग लगा देतीं'

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में माफिया राज और अतिक्रमण के खिलाफ बीजेपी सरकार का प्रमुख ‘बुल्डोजर’ अभियान अब पार्टी के भीतर से विरोध का सामना कर रहा है.

‘अवैध’ ढांचे को गिराने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल पर योगी सरकार की काफी आलोचना की गई. पहले तो विपक्षी दलों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को उनके इस काम के लिए आड़े हाथों लिया और उनका नाम ‘बुलडोजर बाबा‘ रखा दिया लेकिन अब इस अभियान के खिलाफ पार्टी से भी आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं. गुरुवार को बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बांसडीह में इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ स्टैंड लिया.

बलिया जिले के बांसडीह तहसील के उडहा गांव में एक मकान में बुलडोजर चलाने की सूचना पर विधायक मौके पर पहुंची और रोकने की मांग के बावजूद मकान को गिराने का प्रयास करने पर तहसीलदार प्रवीण कुमार सिंह को जमकर फटकार लगाई. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर वायरल हो गया है.

सालों पहले ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से घर बनाया गया था. जब घर गिराने के लिए बुल्डोजर आया तो मालिकों ने कथित तौर पर केतकी सिंह से संपर्क किया और उन्हें घटनाक्रम के बारे में बताया.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने विधायक के तहसीलदार को धमकाने वाला वीडियो ट्विटर पर साझा किया और बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा कि विकास कार्यों के नाम पर जिस बेहिसाब दर पर सत्ता से जुड़े लोगों को करोड़ों का मुआवजा दिया जा रहा है. वही दर आम आदमी को भी दी जाए और उनको भी जिनके जायज निर्माण पर केवल विद्वेषवश बुलडोजर चलाया गया है.

यादव ने लिखा, ‘भाजपाइयों को लाभ पहुंचाने में मुआवजा भ्रष्टाचार का एक नया तरीका बन गया है.’

केतकी सिंह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतिक्रमण गिराने को लेकर साफ निर्देश दिए हुए हैं कि ‘किसी भी गरीब के घर या उसकी रोजी-रोटी पर तब तक बुलडोजर नहीं चला सकते, जब तक आपके पास कोई उचित कारण न हो. उचित कारण हो तो भी आप गरीब के घर पर बुलडोज़र नहीं चला सकते हैं.’

हालांकि विधायक के नाराजगी जाहिर करने वाले इस वीडियो ने कुछ विवादों को भी सामने ला खड़ा किया है. वायरल वीडियो में उनके साथ एक व्यक्ति, कथित विध्वंस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में ‘तहसील को आग लगाने’ की धमकी देता नजर आ रहा है. इसकी पहचान राजू दूबे के रूप में हुई है.

बाद में मीडिया से बात करते हुए केतकी सिंह ने बताया कि वह व्यक्ति घर के मालिक का रिश्तेदार था.

वह कहती हैं, ‘जब किसी के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा हो तो वह फूल तो बरसाने से रहा. मुझे लगता है कि आप भी मेरी बात से सहमत होंगे. क्या उसे नहीं लगेगा कि उसका घर, उसकी जीवन भर की कमाई ढह रही है, ऐसे में वह क्या करेगा?’

दिप्रिंट ने फोन पर तहसीलदार प्रवीण कुमार सिंह से जब इस बारे में जानकारी लेने की कोशिश की तो उन्होंने मामले को ज्यादा न बढ़ाते हुए बस इतना कहा कि ‘यह कुछ भी नहीं था’और फिर फोन काट दिया.

गांव के सूत्रों ने बताया कि तहसील अधिकारी एक मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के आधार पर कार्यवाही कर रहे थे.

‘गरीब के घर पर बुलडोजर नहीं चला सकते’

बांसडीह विधायक का ‘दुर्व्यवहार’और उसे लेकर उठा विवाद कोई नई बात नहीं है. इस साल के विधानसभा चुनावों से पहले भी केतकी सिंह कैमरे में ‘धमकी’ देती नजर आई थीं. सपा कार्यकर्ताओं के साथ उनके और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान उनके दुर्व्यवहार का ये वीडियो भी काफी चर्चा में रहा था.

विधायक ने इस बात से इंकार नहीं किया कि घर सरकारी जमीन पर बनाया गया था. उन्होंने कहा, ‘कुछ शिकायतकर्ता (दुबे के नेतृत्व में) मेरे पास आए थे. घर के मालिकों ने बताया कि उनके परदादा ने कानूनी जानकारी के अभाव में सरकारी जमीन के एक हिस्से पर घर बना लिया था’ वह आगे कहती हैं, ‘अब, चूंकि हमारी सरकार सक्रिय रूप से सभी सरकारी भूमि पर नज़र रखे हुए है तो यह मामला सामने आया कि उनका घर सरकारी जमीन पर बना है.’

गुरुवार की घटना का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘घर के मालिक छप्पर की मरम्मत कर रहे थे. उसी दौरान कुछ अधिकारी बिना किसी सूचना के वहां पहुंच गए. उन्होंने बुलडोजर से घर के एक हिस्से को भी तोड़ दिया था.’

गुरुवार को वायरल हुए वीडियो में दिख रहा है कि तहसीलदार यह कहते हुए विधायक को शांत करने की कोशिश में लगे हैं कि घर का केवल एक हिस्सा तोड़ा गया. पूरे घर पर बुलडोजर नहीं चलाया है.

इस पर सिंह जवाब देते हुए कहती हैं, ‘अगर आपने घर पर बुलडोजर चला दिया होता, तो मैंने कुछ नहीं पूछा होता, मैं खुद ही तहसील में आग लगा देती. (इसका एक मतलब अशांति पैदा करना भी है)’

तहसीलदार उनसे कहता है कि उनकी इच्छा का सम्मान किया गया है..

सिंह पलट कर कहती हैं, ‘आपने पहले बुलडोजर चला दिया और अब कह रहे हैं कि आपने मेरा सम्मान रखा है?’

इसके तुरंत बाद, राजू दुबे के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति ने धमकी दी, ‘एक बार विधायक ने बोल दिया कि रुकिए तो तहसील को रुकना पड़ेगा. नहीं तो हम तहसील में आग लगा देंगे. क्या सोचते हैं आप? आपको क्या लगता है कि विधायक कौन है?’

वीडियो में एक अन्य व्यक्ति दावा करता दिख रहा है कि एक लेखपाल और कानूनगो (राजस्व लिपिक अधिकारी) को विध्वंस रोकने के लिए दस हजार रुपये दिए गए थे.

सिंह ने फिर मांग करते हुए कहा कि उन्हें मौके पर बुलाया जाए.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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