बेंगलुरू, 27 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को ईंधन कर में और कटौती पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई तथा कहा कि इस संबंध में कोई भी फैसला राज्य की अर्थव्यवस्था को देखने के बाद लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक संकट का हवाला देते हुये विपक्षी दल शासित राज्यों से सहकारी संघवाद की भावना से काम करते हुये देश हित में ईंधन पर से वैट कम करने का आग्रह किया था ताकि आम आदमी को राहत मिल सके । इसके बाद बोम्मई का यह बयान आया है ।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) एक उदाहरण दिया है । नवंबर में जब केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क कम किया था, तो कुछ राज्यों ने भी इसमें कटौती की थी, इससे राज्य के लोगों को लाभ हुआ और यही सहकारी संघवाद है । दूसरे राज्य भी कर में कटौती करें ताकि पड़ोसी राज्य इससे प्रभावित नहीं हो ।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कीमतों में वृद्धि के साथ ईंधन कर में और कटौती होगी, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देखते हैं। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को भी देखना चाहिए। उसके आधार पर हम फैसला करेंगे।’’
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश में कोविड-19 की स्थिति पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में, मोदी ने उनकी सरकार द्वारा पिछले साल नवंबर में ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने के बाद कई राज्यों द्वारा पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम करने के केंद्र के आह्वान का पालन नहीं करने का मुद्दा उठाया और इसे उन राज्यों में रहने वाले लोगों के साथ ‘अन्याय’ और पड़ोसी राज्यों के लिए हानिकारक भी बताया था।
भाषा रंजन मनीषा
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