बलूच लिबरेशन आर्मी वूमेन कैडर द्वारा मंगलवार को कराची विश्वविद्यालय में हुआ आत्मघाती हमला, पाकिस्तान के खिलाफ अलगाववादी समूह के युद्ध की बढ़ती घातकता को दर्शाता है. अतिरिक्त न्यायिक फांसी और यातना से बलूच विद्रोह पर लगाम नहीं लगी है. ये तब तक जारी रहेगा जब तक कि इस्लामाबाद बलूच के राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं निकालती.