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Friday, 22 November, 2024
होमदेशएक ही महीने में दूसरी बार क्यों सरकार ने बंद किए भारत और पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनल

एक ही महीने में दूसरी बार क्यों सरकार ने बंद किए भारत और पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनल

इन यूट्यूब चैनलों के कुल व्यूअरशिप 68 करोड़ थी. इसी माह के शुरू में सरकार ने 22 अन्य यूट्यूब न्यूज चैनलों को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए थे.

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नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ‘फेक न्यूज’ दिखाने को लेकर एक माह के अंदर ही दूसरी बार कड़ी कार्रवाई करते हुए भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के कई ‘यूट्यूब न्यूज चैनल’ ब्लॉक कर दिए हैं. सरकार की तरफ से सोमवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि ब्लॉक किए गए 16 यूट्यूब चैनलों में से 10 भारत के और छह पाकिस्तान के हैं. एक फेसबुक पेज को भी ब्लॉक किया गया है.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि करीब 68 करोड़ कुल व्यूअरशिप वाले ये चैनल ‘राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत के विदेश संबंधों, देश में सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था’ से संबंधित मामलों पर भ्रामक सूचनाएं फैला रहे थे.

मंत्रालय ने इस संदर्भ में आपत्तिजनक हेडलाइन वाले कई उदाहरण भी दिए, जिनमें से कुछ का उर्दू से अनुवाद किया गया था. इसमें ‘जर्मनी ने की भारत पर प्रतिबंध लगाने की मांग’, सऊदी अरब ने भारत को तेल निर्यात रोकने का ऐलान किया’, ‘अमेरिका ने भारत से कश्मीर मांगा’, हजारों तालिबान आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ’ आदि शामिल हैं.

यह दूसरा मौका है जब सरकार ने ‘यूट्यूब न्यूज चैनलों’ को ब्लॉक करने के लिए पिछले साल फरवरी में लागू किए गए आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया है.

इससे पहले, इसी माह के शुरू में सरकार ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश संबंधों को लेकर भ्रामक सूचनाएं फैलाने पर 22 ‘यूट्यूब न्यूज चैनल’ (18 भारतीय और चार पाकिस्तानी), तीन ट्विटर अकाउंट, एक फेसबुक अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था.

इससे पहले, सरकार ने ‘भारत के खिलाफ दुष्प्रचार’ को लेकर लिए 20 यूट्यूब चैनल दिसंबर में और 35 अन्य चैनल इस साल जनवरी में ब्लॉक किए थे.

पिछले हफ्ते, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी टीवी न्यूज चैनलों को भी गैर-सत्यापित दावे करने और ‘भ्रामक हेडलाइन’ का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी थी.


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कोविड पर गलत सूचनाएं, ‘समाज के लिए खतरा’

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में खास तौर पर मानदंडों के उल्लंघन से जुड़े उन मामलों को सूचीबद्ध किया है जिनकी वजह से भारतीय और पाकिस्तानी चैनल ब्लॉक किए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि सवालों के घेरे में आए कुछ भारतीय चैनलों ने ऐसी सामग्री प्रकाशित की जो ‘एक समुदाय को आतंकवादी के रूप में संदर्भित करती है’ और इस तरह उनका कंटेंट सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला पाया गया. कुछ अन्य ने बढ़ती कोविड संख्या के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के ‘झूठे दावे’ किए और ‘कुछ भारतीय समुदायों के लिए खतरा’ होने को लेकर ‘मनगढ़ंत’ आरोप लगाए.

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दूसरी तरफ, पाकिस्तानी चैनलों को भारत के बारे में भ्रामक खबरें पोस्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. यह फर्जी खबरें भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर से लेकर ‘यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में भारत के विदेश संबंधों’ आदि तक से जुड़ी रही हैं.

पाकिस्तान के एक उर्दू चैनल ने तो यह दावा भी किया था कि ‘तुर्की ने भारत की एस-400 रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया है’ और ‘भारतीय सेना पर लगातार हमले, 24 राज्यों को अलग किया जा सकता है.’


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किन चैनलों को किया गया ब्लॉक

ब्लॉक किए गए भारतीय चैनलों के कुल मिलाकर 25 लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे और इसके कुल व्यूज 42 करोड़ से अधिक थे. इनमें डिफेंस न्यूज 24×7, एसबीबी न्यूज, लेटेस्ट अपडेट, आज ते न्यूज, टेक्निकल योगेंद्र, हिंदी में देखो, एमआरएफ टीवी लाइव, द स्टडी टाइम, सैनी एजुकेशन रिसर्च और तहफ्फुज-ए-दीन इंडिया शामिल हैं.

पाकिस्तानी चैनलों के 17 लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे और उन्हें कुल 26 करोड़ व्यूज मिले थे. इनमें आजतक पाकिस्तान, डिस्कवर प्वाइंट, रियलिटी चेक, कैसर खान, द वॉयस ऑफ एशिया और बोल मीडिया बोल शामिल थे.

अपनी ताजा कार्रवाई के साथ सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा होने के आधार पर दिसंबर 2021 से अब तक 90 से अधिक यूट्यूब चैनलों और कई अन्य सोशल मीडिया एकाउंट को ब्लॉक कर चुकी है.

इस महीने की शुरुआत में, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया था कि ख़ुफिया एजेंसियां ‘न्यूज के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर नजर रखती हैं’ लेकिन लगातार ऐसे एकाउंट सामने आने के मद्देनजर इस समस्या के किसी ‘स्थायी समाधान’ की जरूरत है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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