मुंबई, 25 अप्रैल (भाषा) जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने जमानत के लिए सोमवार को सत्र अदालत का रुख किया।
राणा दंपति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। इसको लेकर काफी विवाद हुआ था और इसी सिलसिले में मुंबई पुलिस ने पति-पत्नी के खिलाफ राजद्रोह तथा अन्य आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।
सत्र न्यायालय में राणा दंपति की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होने की उम्मीद है।
उनके वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा कि दंपति ने बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित अपनी जमानत याचिका वापस लेने का फैसला किया, जिसने उन्हें रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
मर्चेंट ने कहा कि उपनगरीय खार पुलिस ने शुरू में विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में राणा दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
रिमांड के समय पुलिस ने मजिस्ट्रेट अदालत को सूचित किया था कि उसने पहली प्राथमिकी में दंपति के खिलाफ राजद्रोह का आरोप जोड़ा है।
रिजवान मर्चेंट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह के आरोप में न्यूनतम सात साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। इसलिए, राजद्रोह के अपराध के लिए जमानत मजिस्ट्रेट अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर थी।
मर्चेंट ने कहा कि इसलिए, राणा ने पिछले आवेदन (मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित) को वापस लेने का फैसला किया और सत्र अदालत के समक्ष एक नयी जमानत याचिका दायर की।
मजिस्ट्रेट अदालत ने 29 अप्रैल को राणा दंपति की जमानत पर सुनवाई निर्धारित की थी।
पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक रवि राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई दौरे का हवाला देते हुए अंततः उद्धव ठाकरे के निजी आवास के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना को छोड़ दिया था।
भाषा रवि कांत नेत्रपाल
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