नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) देशभर में कुकुरमुत्तों की तरह अवैध कॉलोनियों के निर्माण को शहरी विकास के लिए समस्या बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि इन अवैध बसावटों को बनने से रोकने के लिए राज्य सरकारों को व्यापक कार्ययोजना बनानी होगी।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन को मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया और उनसे यह सुझाने को कहा कि अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने के लिए सरकार क्या कर सकती है?
पीठ ने कहा, ‘‘इस देश के इन सभी शहरों में कुकुरमुत्तों की तरह अवैध कॉलोनियों के बनने के तीव्र परिणाम आते हैं। हमने हैदराबाद और केरल में बाढ़ देखीं जो इन अनियमित कॉलोनियों की वजह से आईं।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को इस संबंध में कार्रवाई करनी होगी।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि न्याय मित्र को समस्त रिकॉर्ड जमा कराये जाएं जो दो सप्ताह में अपने सुझाव देंगे।
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