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Monday, 23 September, 2024
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हमारा लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतना और ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना : त्रीसा

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(अमित कुमार दास)

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) त्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की बैडमिंटन की महिला युगल जोड़ी ने अपना स्वप्निल सफर जारी रखकर हाल में संपन्न चयन ट्रायल में शानदार प्रदर्शन के बाद राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और उबर कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनायी।

भारतीय बैडमिंटन की यह उदीयमान जोड़ी अब आगामी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने, विश्व में शीर्ष 10 में जगह बनाने और पेरिस ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इन दोनों की जोड़ी को बने हुए अभी 15 महीने से थोड़ा अधिक समय हुआ है लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से विशेष छाप छोड़ी है। वह ऑल इंग्लैंड सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला जोड़ी बनी। उन्होंने ओडिशा ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट जीता और सैयद मोदी सुपर 300 प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश किया।

त्रीसा ने पीटीआई से कहा, ‘‘अब लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और उबर कप हैं। इसके अलावा हम कड़ी मेहनत करके ओलंपिक 2024 के लिये क्वालीफाई करना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी निगाहें पेरिस ओलंपिक पर हैं, इसलिए हमारा लक्ष्य अगले साल तक शीर्ष 10 में जगह बनाना है। अभी यही लक्ष्य हैं।’’

अठारह साल की त्रीसा केरल के चेरुपुझा की रहने वाली हैं, जहां उनके पिता जॉली मैथ्यू ने उन्हें बैडमिंटन का ककहरा सिखाया। वह शारीरिक शिक्षा शिक्षक हैं।

त्रीसा ने कहा, ‘‘मेरे पिता शारीरिक शिक्षा शिक्षक हैं, इसलिए वह चाहते थे कि उनके बच्चे भी खेल खेलें। मेरी बड़ी बहन (मारिया) राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में अंडर-15 और अंडर-17 में मेरी जोड़ीदार थी। मैं बेहतर प्रदर्शन कर रही थी इसलिए मेरे पिता ने मुझे खेल जारी रखने के लिये प्रेरित किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया, तो मुझे अहसास हुआ कि इससे मुझे बहुत खुशी मिलती है। मुझे याद है कि मैंने ओलंपिक में साइना (नेहवाल) को खेलते हुए देखा था। तब से वह मेरी प्रेरणा रही हैं।’’

त्रीसा छह साल की उम्र में बैडमिंटन से जुड़ गयी थी। वह 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन से दो महीने पहले ही गोपीचंद अकादमी से जुड़ी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एकल और युगल में खेलती थी लेकिन जब मैं जनवरी 2020 में गोपीचंद अकादमी में आयी तो गायत्री ने भी युगल में खेलना शुरू कर दिया था, इसलिए ऐसा कुछ हुआ और हमने जोड़ी बनाकर खेलना शुरू कर दिया।’’

इस जोड़ी ने पहली बार पोलैंड ओपन में हिस्सा लिया था जहां उन्होंने फाइनल में जगह बनायी थी, लेकिन 2022 में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अब वे राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक की दावेदार हैं।

भाषा पंत नमिता

नमिता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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