नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने भारतीय छात्रों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह दी है. इन्होंने कहा है कि इस तरह की डिग्री को भारत में मान्यता नहीं दी जाएगी.
यूजीसी के सचिव और सदस्य सचिव, एआईसीटीई ने संयुक्त सलाह में कहा कि भारत का कोई भी भारतीय नागरिक/विदेशी नागरिक जो पाकिस्तान के किसी भी डिग्री कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, वह भारत में रोजगार या उच्च अध्ययन के लिए पात्र नहीं होगा. यूजीसी और एआईसीटीई ने आगे छात्रों को बताया, ‘हालांकि, प्रवासी और उनके बच्चे जिन्होंने पाकिस्तान में उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल की है और उन्हें भारत द्वारा नागरिकता प्रदान की गई है, वे गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद भारत में रोजगार पाने के पात्र होंगे.’
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धे ने एएनआई को बताया कि कई ऐसे संस्थान हैं जो अच्छे नहीं हैं और जो बच्चेअनुभव चीन और यूक्रेन के साथ विदेश में पढ़ने के बाद आया है, बच्चे आधी शिक्षा के बाद फंस जाते हैं, इसलिए छात्रों और अभिभावकों को यह चेतावनी देना आवश्यक है.
एआईसीटीई ने आगे एएनआई को बताया कि भारत में आकर अपनी आधी शिक्षा पूरी करने के बाद, जब छात्रों को उस डिग्री का लाभ नहीं मिलेगा, तो माता-पिता का पैसा बर्बाद हो जाता है. हमारा उद्देश्य छात्रों को सावधान करना है.’
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