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Tuesday, 24 September, 2024
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मोदी सरकार ने आदिवासी कल्याण के लिए बढ़ाया धन : शाह

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भोपाल, 22 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सत्ता में आने के बाद इस समुदाय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए 78 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2022 के अंत तक प्रत्येक व्यक्ति के लिए घर बनाने का संकल्प लिया है।

शाह ने कहा, ‘‘यह गरीबों, अनुसूचित जाति, दलितों और पिछड़े वर्गों की सरकार है। कांग्रेस के समय में (आदिवासी) लोगों के कल्याण के लिए केवल 21 हजार करोड़ रुपये दिए गए थे लेकिन 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद इसे बढ़ाकर 78 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है।’’

शाह ने यहां वन समिति सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में तेंदू पत्ता जैसी वन उपज के संग्रहकर्ताओं को बोनस वितरित किया गया।

उन्होंने मध्य प्रदेश के 26 जिलों में स्थित 827 वन गांवों की स्थिति को राजस्व गांवों में बदलने के घोषणा करते हुए एक पट्टिका का अनावरण किया। इन क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के लिए इनको राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग की जा रही थी क्योंकि वन क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू करने पर प्रतिबंध लागू होते हैं।

इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे लंबे समय से चली आ रही लोगों की मांग पूरी हुई है।

प्रदेश सरकार द्वारा 12 लाख तेंदूपत्ता (बीड़ी बनाने के लिए उपयोग होने वाला पत्ता) तोड़ने वालों, बांस उत्पादकों और अन्य वनोपज समितियों को लगभग 123 करोड़ रुपये बोनस के तौर पर वितरण शुरु किया गया है। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में लगभग 35 लाख तेंदूपत्ता तोड़ने वाले श्रमिक हैं।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में तेंदूपत्ता तोड़ना आदिवासियों की एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है।

भाजपा शासित मध्य प्रदेश में पिछले छह माह में आदिवासी समुदाय को लक्षित यह दूसरा सम्मेलन था। मध्य प्रदेश में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और सत्तारूढ़ दल इन कार्यक्रमों के जरिए आदिवासी समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करना चाहता है। मध्य प्रदेश में 21 प्रतिशत आबादी आदिवासी समुदाय की है।

शाह ने गत 18 सितंबर को जबलपुर जिले में आदिवासी नायकों और तत्कालीन गोंडवाना रियासत के शासक शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम ‘‘ गौरव उत्सव ’’ को संबोधित किया था।

शाह का कार्यक्रम शुक्रवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित किया गया था। इसी स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती पर ‘‘ जनजाति गौरव दिवस ’’ नाम से एक विशाल आदिवासी सम्मेलन को संबोधित किया था।

गृहमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में वन समितियों को 20 प्रतिशत बोनस देने का फैसला किया है।

शाह ने कहा कि देश में आदिवासी समुदाय की आबादी का सबसे अधिक प्रतिशत मध्य प्रदेश में है। आदिवासी समुदाय के कल्याण के साथ ही मध्य प्रदेश का विकास है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आज का दिन ऐतिहासिक दिन है क्योंकि मध्य प्रदेश में आदिवासी जंगलों और उनकी उपज के मालिक बन रहे हैं।’’

शाह ने कहा कि मोदी के मार्गदर्शन में शिवराज सिंह चौहान सरकार आदिवासी कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने 18 सितंबर को जबलपुर के अपने दौरे के समय आदिवासियों के लिए 17 कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की थी।

शाह ने अप्रत्यक्ष तौर पर 2023 के विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ जब इन 17 योजनाओं के तहत लक्ष्य पूरे हो जाएंगे तो हम आपका (आदिवासियों का) आशीर्वाद लेने आएंगे।’’

वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश की कुल 7.26 करोड़ आबादी में से आदिवासियों की संख्या 1.53 करोड़ या 21.08 प्रतिशत है।

मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि 35 अन्य विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर 50,000 से अधिक आदिवासी मतदाता हैं।

भाषा दिमो धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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