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Sunday, 22 September, 2024
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मार्च के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश घटकर 87,979 करोड़ रुपये पर

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश मार्च, 2022 के अंत तक घटकर 87,979 करोड़ रुपये रह गया।

विशेषज्ञों के मुताबिक, विदेशी निवेशक घरेलू बाजार में निवेश के लिए सतर्क रुख अपनाना जारी रखेंगे।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष पंजीकृत पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाप्रदाता ग्रीन पोर्टफोलियो के संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा, ‘‘हम आने वाले महीनों में वैश्विक बाजारों से कम निवेश देखेंगे, जिससे कुछ महीनों के लिए पी-नोट्स की भागीदारी में दबाव बना रहेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमारा मानना है कि भारत पर इसका खास प्रभाव नहीं पड़ेगा और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हमारे साथ व्यापारिक साझेदारी करने की तरफ देख रही हैं।’’

पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा पी-नोट्स उन निवेशकों को जारी किए जाते हैं, तो बिना पंजीकरण के भारतीय पूंजी बाजारों में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें पूरी जांच-परख की प्रक्रिया को पूरा करना होता है।

सेबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीय बाजारों में पी-नोट्स निवेश का मूल्य (इक्विटी, ऋण और हाइब्रिड प्रतिभूतियां) मार्च के अंत तक 87,979 करोड़ रुपये था, जबकि फरवरी के अंत में यह आंकड़ा 89,143 करोड़ रुपये था।

इसी तरह जनवरी, 2022 के अंत में पी-नोट्स निवेश का स्तर 87,989 करोड़ रुपये था।

वहीं मार्च के अंत तक पी-नोट्स के जरिये हुए कुल 87,979 करोड़ रुपये के निवेश में से 78,233 करोड़ रुपये शेयरों में लगाए गए।

इसके अलावा 9,593 करोड़ रुपये ऋण या बांड और 153 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में डाले गए।

भाषा जतिन अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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