गुवाहाटी: गुजरात की वडगाम सीट से विधायक जिग्नेश मेवानी को असम पुलिस ने बुधवार देर रात गिरफ्तार कर लिया. उनपर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ट्वीट्स किए, जिन्हें अब माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने रोक लिया है.
पुलिस ने मेवानी को, जो बतौर निर्दलीय विधायक चुने गए थे लेकिन जिन्होंने सितंबर 2021 में कांग्रेस को समर्थन दे दिया था, पालनपुर में सर्किट हाउस से गिरफ्तार किया.
घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए, कांग्रेस के कन्हैया कुमार ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया: ‘पुलिस ने अभी तक हमसे एफआईआर की प्रति साझा नहीं की है. हमें बताया गया है कि उनके खिलाफ असम में कोई केस दर्ज किया गया है, और आज रात उन्हें असम ले जाए जाने की संभावना है’.
दिप्रिंट ने फोन कॉल्स के ज़रिए असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंता से गिरफ्तारी पर टिप्पणी लेने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ. उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर इस ख़बर को अपडेट कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: ‘दूध उत्पादन में पहले नंबर पर भारत,’ पीएम मोदी बोले- गेहूं और चावल से भी अधिक पैदावार हो रही है
ट्वीट्स पर रोक लगी
डेकन हेरल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के समय पुलिस ने मेवानी के खिलाफ आरोप का ख़ुलासा करने से इनकार कर दिया, लेकिन फिर कांग्रेस नेताओं के एक समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद, एक कागज़ दिखाया जिसके अनुसार असम के कोकराझार ज़िले के निवासी किसी अनूप कुमार डे ने, मेवानी के कुछ ट्वीट्स पर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
मेवानी के घटनाक्रम पर नज़र डालने से पता चला, कि ‘एक क़ानूनी मांग के जवाब में’ ट्विटर ने दो ट्वीट्स को रोक लिया था.
18 अप्रैल को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का ‘उपासक’ बताया गया था.
‘गोडसे को अपना आराध्य देव मानने वाले प्रधान मंत्री मोदी 20 तारीख़ से गुजरात दौरे पर हैं, उनसे अपील है गुजरात में हिम्मत नगर, खम्बात, और वेरावल नगर में जो कौमी हादसे हुए, उसके खिलाफ शांति और अमन की अपील करें, महात्मा मंदिर के निर्माता से इतना उम्मीद तो बनता है ना?’
इससे पहले के ट्वीट में भी, जिसे रोक लिया गया है, कहा गया:‘नागपुर के जिन गद्दारों ने दशकों तक तिरंगा नहीं लहराया, वही आरएसएस के लोग कल भगवा झंडा लेकर गुजरात के वेरावल तहसील की एक मस्जिद पर नाच रहे थे. ए गद्दारों कुछ तो शर्म करो. ये रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकुल्लाह का मुल्क है. यहां शांति और अमन बनाए रखिए. सरकार अपने नापाक इरादों से बाज़ आए’.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
य़ह भी पढ़ें: मंदिर में कुरान और दरगाह में मेला- धार्मिक विवादों का कर्नाटक की परंपराओं पर नहीं पड़ रहा कोई असर