(अश्विनी श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ऐसी प्रामाणिक कार्रवाई या चूक को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो धोखाधड़ी वाली नहीं हैं।
गौबा ने नौकरशाहों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह कदम ‘विश्वास आधारित शासन’ की अवधारणा पर आधारित है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कार्यों या चूक के लिए कारावास का जोखिम जो धोखाधड़ी या दुर्भावनापूर्ण इरादे का परिणाम नहीं हैं, वे नागरिकों के लिए, निजी क्षेत्र के लिए बड़ी समस्या है और उत्पीड़न के अवसर पैदा कर सकती है।’’
गौबा ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों पर हम ऐसे मामूली अपराधों और उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने यहां 15वें सिविल सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘इस काम को हम सभी को मिशन की तरह लेना होगा।’’
उन्होंने कहा कि नौकरशाहों से बहुत अपेक्षाएं हैं और उन्हें इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए खुद को तैयार करना होगा।
देश के शीर्ष नौकरशाह ने कहा, ‘‘हमें इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने में समक्ष होने के लिए सतत तरीके से सीखने, नवान्मेष करने और उन्हें अपनाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि नियमित प्रशासनिक सेवा संबंधी विशेष क्षमताओं के अलावा हमें अपने कार्यों के व्यापक संदर्भों, व्यापक लक्ष्यों, प्राथमिकताओं और उन्हें पूरा करने में अपनी भूमिका को लेकर जागरुक रहना होगा।
गाबा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब इस कवायद का दायरा जीवन की सुगमता तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए इसे अपना मिशन बनाना चाहिए। अनावश्यक अनुपालन का बोझ कम करके, सरकार पर उनकी निर्भरता कम करके हमें अर्थव्यवस्था में सरकार की भूमिका पर और व्यापक रूप से लोगों के जीवन के बारे में नये सिरे से सोचने की जरूरत है।’’
गौबा ने कहा कि नौकरशाहों को ‘आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अन्य सभी संस्थानों की तरह सुधारों की जरूरत है। यदि हम प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं तो हमें काम करने पर ध्यान देना होगा। अपनी क्षमताओं और कौशल को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। और इस सबसे ऊपर हमारे काम और आचरण में सिविल सेवा की सर्वोच्च परंपराओं को बनाकर रखने पर ध्यान होगा।’’
गौबा ने कहा, ‘‘संपूर्ण सरकारी कामकाज की अवधारणा को हमारे काम का नियमित हिस्सा बनाना होगा।’’
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का पूरी तरह इस्तेमाल किया गया तो यह भी व्यापक बदलाव लाने वाली हो सकती है।
सिविल सेवा दिवस समारोह की अध्यक्षता कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के अनेक वरिष्ठ नौकरशाहों ने भाग लिया।
भाषा वैभव पवनेश
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