गुरुग्राम (हरियाणा), 20 अप्रैल (भाषा) गुरुग्राम पुलिस ने बुधवार को माइक्रोसॉफ्ट के फर्जी कर्मचारियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन महिलाओं सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग अमेरिकी नागरिकों को कंप्यूटर स्क्रीन पर पॉप-अप भेजकर विभिन्न तकनीकी सहायता की पेशकश करके उनसे रकम ऐंठते थे।
पुलिस ने तड़के साउथ सिटी-1, सेक्टर 51 में रैकेट चलाने वालों के फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी कर 14 लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन और 1.10 लाख रुपये से अधिक नकद जब्त किए। पुलिस ने कहा कि इस साल मार्च में पांच लोगों ने संयुक्त रूप से यह कॉल सेंटर स्थापित की थी, जहां से उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटर स्क्रीन पर पॉप-अप भेजा जाता था और फिर ये लोग उपयोगकर्ताओं को माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी बनकर उन्हें तकनीकी सहायता, हार्डवेयर अपग्रेड, एंटीवायरस आदि की पेशकश करते थे।
तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने सेक्टर 40 पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की। साइबर अपराध थाना के इंस्पेक्टर समीर सिंह को मिली सूचना पर पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा।
गिरफ्तार किए गए लोगों में चार करण शर्मा, मयंक नाथ, राहुल भाटी और मोहित बजाज शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि जब छापा मारा गया तब इनका पांचवां साथी रजत जुनेजा शहर से बाहर था। पुलिस ने अन्य आरोपियों की पहचान निकिता, सिमरन, अंकित सिंह, राहुल, मुकेश, लविश सहगल, प्रियल, अभिषेक, विश्वास और गुरप्रीत चावला के रूप में की है।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) वीरेंद्र विज ने कहा, ‘‘आरोपियों ने विदेशियों को पॉप-अप क्लियर करने और तकनीकी मदद के नाम पर एंटीवायरस प्रदान करने के लिए फंसाया। वे अमेरिकी नागरिकों से आई-ट्यून गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए कहते थे और फिर उनका नंबर ले लेते और उसके जरिए गिफ्ट कार्ड को भुनाते थे।’’
भाषा सुरभि उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.