नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) भारत में कच्चे तेल का उत्पादन वित्त वर्ष 2021-22 में 2.67 प्रतिशत गिर गया। सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी द्वारा लक्ष्य से कम उत्पादन करने के कारण ऐसा हुआ।
दूसरी ओर रिलायंस-बीपी के केजी बेसिन के कुछ नए क्षेत्रों से उत्पादन शुरू होने से समीक्षाधीन अवधि में प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ा।
पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में कच्चे तेल का उत्पादन 296.9 लाख टन रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 305 लाख टन के मुकाबले 2.63 प्रतिशत कम है।
मंत्रालय ने बीते वित्त वर्ष के दौरान 336.1 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया था, जिसके मुकाबले वास्तविक उत्पादन 11.67 प्रतिशत कम था।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में कच्चे तेल का उत्पादन घटा है। यह आंकड़ा 2017-18 में 357 लाख टन, 2018-19 में 342 लाख टन, 2019-20 में 322 लाख टन और 2020-21 में 305 लाख टन तक गिर गया।
इस कमी की प्रमुख वजह कुछ तेल भंडार की उम्र बढ़ना है, जहां प्राकृतिक उत्पादन में गिरावट आई है। निकासी दर बढ़ाने के लिए तकनीक में निवेश करके उत्पादन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने वित्त वर्ष 2021-22 में 194.5 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया, जो लक्ष्य से 13.82 प्रतिशत कम है। यह आंकड़ा इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 3.62 प्रतिशत कम है।
हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 18.66 प्रतिशत बढ़कर 34 अरब घन मीटर हो गया।
इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी सहयोगी बीपी पीएलसी द्वारा नए क्षेत्रों से उत्पादन शुरू करने का विशेष योगदान रहा। यह उत्पादन पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लॉक में शुरू किया गया।
भाषा पाण्डेय अजय
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