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Sunday, 22 September, 2024
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सरकार ने निधि कंपनियों को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया

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नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) सरकार ने आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए निधि कंपनियों को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि निधियों के रूप में कार्य करने की इच्छुक सूचीबद्ध कंपनियों को अब जमा स्वीकार करने से पहले केंद्र सरकार से पूर्व-मंजूरी प्राप्त करनी होगी।

बयान में कहा गया, ‘‘आम जनता के हितों की रक्षा के लिए, यह अनिवार्य है कि इसका सदस्य बनने से पहले केंद्र सरकार से निधि कंपनी के रूप में ‘घोषणा’ हासिल की जाए। इसके अलावा दस लाख रुपये की शेयर पूंजी के साथ निधि कंपनी के रूप में गठित फर्म को खुद को ‘निधि’ घोषित करने के लिए न्यूनतम 200 की सदस्यता के साथ एनडीएच-4 फॉर्म के जरिये आवेदन करना होगा। ऐसी कंपनियों का शुद्ध स्वामित्व वाला कोष (एनओएफ) गठन के 120 दिन के अंदर 20 लाख रुपये होना चाहिए।

वहीं नए नियमों में कंपनी के प्रवर्तकों और निदेशकों को नियमों में निर्धारित उपयुक्त व्यक्ति के मानदंड को पूरा करना होगा।

मंत्रालय ने बताया कि समय पर निपटान के लिए केंद्र सरकार एनडीएच-4 के रूप में कंपनियों की तरफ से दायर आवेदनों की प्राप्ति के 45 दिन के भीतर कोई निर्णय नहीं लेती है, तो मंजूरी को स्वीकृत माना जाएगा।

भाषा जतिन अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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