scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीतिसुरजेवाला ने कहा- जनता की जेब काटने का नया तरीका अपना रही मोदी सरकार

सुरजेवाला ने कहा- जनता की जेब काटने का नया तरीका अपना रही मोदी सरकार

फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं. इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किए जाने की संभावना के बीच सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अब जनता की जेब काटने का नया तरीका अपनाने की तैयारी कर रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘अब 1,50,000 करोड़ रुपये की कर वसूली की तैयारी! मोदी सरकार जीएसटी दर 5 प्रतिशत से 8 प्रतिशत बढ़ा कर अब लोगों की जेब काटने का नया तरीक़ा तैयार कर रही है.’

उन्होंने दावा किया कि जीएसटी दर बढ़ने से मसाले, तेल, चाय-कॉफ़ी, चीनी, मिठाई, कोयला, बायो गैस, किसान की खाद, जीवन रक्षक दवाइयां, 1000 रुपये तक के जूते-चप्पल, अगरबत्ती, बुज़र्गों की छड़ी, सुनने की कान की मशीन, नेत्रहीनों की घड़ी, क़ालीन और कई अन्य वस्तुएं एवं सेवाएं महंगी हो जाएंगी.

सुरजेवाला ने कहा, ‘जीएसटी दर बढ़ने से पहले ही लोग महंगाई के बोझ से कराह रहे हैं, थोक खुदरा महंगाई मार्च महीने में 14.55 प्रतिशत की अप्रत्याशित ऊंचाई छू रही है, पेट्रोल-डीज़ल-रसोई गैस-सीएनजी-पीएनजी ने कमर तोड़ दी है, नींबू-हरी मिर्च-सब्ज़ी खाना सपना हो गया है,कितना और निचोड़ेंगे देश की जनता को ?’

गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है.

सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके स्थान पर कुछ अधिक खपत वाले उत्पादों को तीन प्रतिशत और शेष को आठ प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है. ज्यादातर राज्य राजस्व बढ़ाने को लेकर एकराय रखते हैं ताकि उन्हें मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना पड़े.

फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं. इसके अलावा, सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है.


यह भी पढ़े: राहुल गांधी का आरोप- UPSC बना यूनियन प्रचारक संघ कमीशन, इसके प्रमुख को BJP, RSS से बताया संबंध


share & View comments