कोहिमा, 17 अप्रैल (भाषा) नगालैंड में रविवार को ईस्टर मनाया गया और इस मौके पर गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया गया। ईस्टर संडे (रविवार) के दिन ईसा मसीह फिर से जीवत हो गए थे।
आज के दिन ईसाई धर्म के मानने वाले लोग अपने व्रत तोड़ते हैं जो वे तीन से 40 दिन तक रखते हैं।
राज्यपाल प्रो जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने नगालैंड के लोगों को ईस्टर के मौके पर शुभकामनाएं दीं। नगालैंड में बहुसंख्यक आबादी ईसाई है।
राज्य की राजधानी कोहिमा में शनिवार रात को बारिश औ रविवार तड़के बूंदाबांदी के बावजूद लोग नगालैंड बैपटिस्ट चर्च काउंसिल के तत्वावधान में कोहिमा बैपटिस्ट पैस्टर्स फेलोशिप (केबीपीएफ) द्वारा आयोजित ‘रेज़रेक्शन (फिर से जीवित होना) संडे सर्विस’ (विशेष प्रार्थना) के लिए ‘कोहिमा वॉर सेमिटेरी’ में बड़ी संख्या जमा हुए।
केबीपीएफ के प्रमुख रेवरेंड वेजोपा रखाखो ने कहा, “हम पिछले कुछ वर्षों को देखते हैं, तो हम सभी जानते हैं कि कैसे कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और पूरी दुनिया को बदल दिया है। इसने दुनिया को अपने घुटनों पर ला दिया है और हमने महसूस किया है कि सभी वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा प्रगति के बावजूद हम वास्तव में कितने शक्तिहीन और रक्षाहीन हैं।”
उन्होंने कहा, “ इस रेज़रेक्शन संडे के दिन हम उनके (यीशु मसीह) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से ताजा करें औ उनका शुक्रिया करें।”
इस दिन बाइबल का पाठ किया जाता है और गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।
नगालैंड के राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘ईस्टर को प्रभु यीशु मसीह के फिर से जीवित होने की याद में मनाया जाता है। हमें याद रखना चाहिए कि यह ‘आशा’ का प्रतीक है। यीशु ने निस्वार्थ बलिदान के साथ सभी मानव जाति के लिए अपने शुद्ध प्रेम को प्रकट किया।”
मुखी ने अपने संदेश में कहा कि उनका फिर से जीवित होना घृणा पर प्रेम की विजय को प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री नेफियू ने लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘गुड फ्राइडे’ के बाद ईस्टर पर यह चमत्कार हुआ और ईसा मसीह का पुनर्जन्म हुआ।
भाषा
नोमान नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.