खरगोन (मप्र), 17 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद भड़की साम्प्रदायिक हिंसा के चलते हिंसाग्रस्त इलाकों के युवक-युवतियों की होने वाली शादियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव नजर आ रहा है, जबकि एक होने वाले दूल्हे को अपनी सगाई बचाने के लिए दंगा ग्रस्त इलाके से अपने घर को बेच कर दूसरी जगह बसने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है।
खरगोन के कुछ इलाकों में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर पथराव और उसके बाद आगजनी की छिटपुट घटनाएं हुई थीं, जिसके चलते पूरे शहर में कर्फ्यू लगाया गया है। इस हिंसा में खरगोन पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को पैर में गोली भी लगी थी।
कर्फ्यू के चलते खरगोन शहर में अधिकांश शादी समारोह निरस्त हो गये है, लेकिन हिंसा की शहर में शुरूआत होने वाले तालाब क्षेत्र के अमन वर्मा की बारात कर्फ्यू में ढ़ील के दौरान पुलिस बल की मौजूदगी में शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर अपनी दुल्हन के गृहनगर कसरावद के लिये रवाना हुई।
अतिरिक्त जिलाधिकारी सुमेर सिंह मुजाल्दे ने बताया कि इस बारात को रविवार सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक चार घंटे की दी गई कर्फ्यू में ढ़ील के दौरान निकलने की विशेष अनुमति दी गई थी।
विशेष अनुमति के बाद बारात कार और एक अन्य चार पहिया से रवाना हुई, लेकिन कर्फ्यू के चलते शादी की चार महीने से चली आ रही तैयारियों पर पानी फिर गया। एडवांस देने के बाद भी शादी में बिना घोडे के दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने रवाना हुआ। ना डीजे बजे और ना ही बाराती डांस ही कर पाये। शहनाई एवं बैंड बाजे की गूंज भी नहीं सुनाई दी। चुनिंदा परिजन की मौजूदगी में दूल्हे ने रस्मों की अदायगी की और बारात कसरावद के लिए रवाना हुई।
चार महीने से शादी की खुशी में तैयारी करने वाले दूल्हा-दुल्हन सहित परिजन कर्फ्यू के साये में शादी करने को मजबूर हो गये।
दूल्हा अमन ने कहा, ‘‘मेहमान शादी में शामिल नहीं हो पाये। शादी की पूरी तैयारी थी, इसलिये करनी पड़ी। ’’
दूल्हे की बहन ने कहा, ‘‘उतनी खुशी शादी की नहीं हो रही, जितनी तैयारी कर रखी थी। बैंड बाजा एवं डांस, सब धरा का धरा रह गया।’’
वहीं, संजय नगर के इलेक्ट्रीशियन शेखर पाटिल उनके घर में हुई आगजनी की घटना के बाद अब मोतीपुरा स्थित किराए के मकान में रहने आए हैं। उन्होंने बताया कि चार वर्ष पूर्व उनकी सगाई खरगोन जिले के सेगाव क्षेत्र की एक लड़की से हुई थी, लेकिन अब ससुराल पक्ष को चिंता सता रही है। उन्होंने माहौल को देखते हुए शादी तोड़ने का इरादा कर लिया है।
शेखर ने बताया, ‘‘इस रिश्ते को बनाये रखने के लिए मैंने किराए के घर में रहने का फैसला किया है।’’
शेखर के पिता ने बताया कि बीते वर्षों में चार बार हिंसा की घटनाओं के चलते उन्होंने पिछले एक वर्ष से संजय नगर के मकान को बेचने का मन बनाया है लेकिन इस तनाव ग्रस्त इलाके में कोई खरीदार नहीं मिल रहा।
संजय के घर के सामने रहने वाले सब्जी विक्रेता राहुल कुमावत ने बताया कि उनकी तथा बहन नंदिनी की शादी आगामी तीन मई को सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रस्तावित है, लेकिन इस हिंसा के बाद उन्हें अपना घर छोड़कर रिश्तेदार के यहां आना पड़ा है और अब उन्हें शादी के लिए आने वाले मेहमानों को ठहराने के लिए धर्मशाला की व्यवस्था करनी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि दंगाइयों ने उनके घर के सामने रखे दो दोपहिया वाहन, कार आदि जला दिए और घर से सामान लूट कर ले गए। राहुल ने अपने ससुराल पक्ष से वादा किया है कि वह शादी के बाद संजय नगर की जगह दूसरे स्थान पर रहेंगे।
राहुल के पिता कैलाश ने बताया कि संजय नगर में उनका मकान कोने में रहने के चलते सबसे पहले हिंसा से प्रभावित हो जाता है।
वहीं, जिला सहकारी बैंक खंडवा के प्रबंधक विवेक जोशी के अहमदाबाद में कार्यरत पुत्र अंतेश की शादी खरगोन के भोकले कालोनी निवासी प्रिया से होने वाली है। उन्होंने बताया कि हिंसा के चलते खरगोन में होने वाली शादी स्थान बदलकर अब वह सनावद में कर रहे हैं।
जोशी ने कहा कि कई परिवार ऐसे हैं जो खरगोन शहर की बजाय अन्य स्थानों पर शादी करना चाह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि खरगोन हिंसा के चलते घायल हुए 16 वर्षीय शिवम शुक्ला की बहन की 17 अप्रैल को प्रस्तावित शादी भी स्थगित कर दी गई है। शिवम इंदौर के एक निजी अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहा है।
इसी तरह राजेंद्र परसाई ने भी अपने पुत्र अभिषेक की शादी के विभिन्न समारोह बेहद संक्षिप्त कर दिए।
मुस्लिम समाज खरगोन के सदर अल्ताफ आजाद ने बताया कि रमजान महीने में मुस्लिमों में शादी नहीं होती है। रमजान के बाद बकरीद के उपरांत फिर से शादियां आरंभ हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि दंगों के चलते हिंदू परिवारों में तारीख और स्थान परिवर्तन हुए हैं। यदि हालात नहीं सुधरे तो मुस्लिमों की शादी भी आगे बढ़ानी पड़ेगी क्योंकि सारी तैयारी अप्रैल माह में ही करनी होती है।
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