कोल्हापुर, 16 अप्रैल (शनिवार) महाराष्ट्र विधानसभा की कोल्हापुर-उत्तर सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने शनिवार को जीत दर्ज की। इससे राज्य में सत्ताधारी महा विकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन को और मजबूती मिली है।
कांग्रेस और एमवीए की प्रत्याशी जयश्री जाधव ने भाजपा के उम्मीदवार को 19 हजार से अधिक मतों से पराजित कर दिया। इस तरह कांग्रेस ने यह सीट अपने पास बरकरार रखी। एमवीए में तीन दल, कांग्रेस, राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और शिव सेना शामिल हैं।
जाधव को 97,332 मत मिले जबकि भाजपा के सत्यजीत कदम को 78,025 मत मिले। जाधव ने 19,307 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
यह सीट कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव की पिछले साल दिसंबर में कोविड-19 के कारण हुई मौत के बाद खाली हुई थी। उपचुनाव में कांग्रेस ने चंद्रकांत की पत्नी को टिकट दिया, जबकि भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता कदम को मैदान में उतारा।
12 अप्रैल को हुए चुनाव में कुल 64.19 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि यह प्रगतिशील विचारधारा की जीत है।
राज्य भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी जनादेश को स्वीकार करती है। पाटिल ने कहा, ‘‘भाजपा ने अपने दम पर 77 हजार मत हासिल किये और एमवीए के लिए मुकाबला कठिन बना दिया। हार-जीत चुनाव का हिस्सा है, लेकिन मुकाबला बहुत करीबी था।’’
कांग्रेस नेता एवं राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा, ”कोल्हापुर उत्तर सीट के मतदाताओं ने धार्मिक ध्रुवीकरण पैदा करने के प्रयासों को खारिज कर दिया है। कोल्हापुर ने हमेशा समानता के सिद्धांत का पालन किया है।”
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि परिणाम दिखाते हैं कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर को लेकर ‘गंदी राजनीति’ और हनुमान चालीसा ने काम नहीं किया।
मुंबई में दादर इलाके में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय तिलक भवन में पटाखे फोड़े।
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, गरीबी और छोटे किसानों और व्यापारियों की समस्याओं पर केंद्र की विफलता को धार्मिक नफरत पैदा करके छिपाने के प्रयास जारी थे। जीत ने शाहू महाराज के जन्मस्थान से एक संदेश दिया।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा को सभी उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वह बिहार में हो, छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में हो।
कोल्हापुर उत्तर सीट के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में थे, हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था। चुनाव प्रचार के दौरान, एमवीए के साथ-साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने कोल्हापुर आए थे।
भाषा संतोष पवनेश
पवनेश
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