scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशमुश्ताक अहमद जरगर आतंकी घोषित, विमान अपहरण के बदले हुआ था रिहा

मुश्ताक अहमद जरगर आतंकी घोषित, विमान अपहरण के बदले हुआ था रिहा

1999 में ‘इंडियन एयरलाइंस’ के विमान आईसी-814 के अपहरण के बाद बंधकों के बदले रिहा किए गए आतंकवादियों में जरगर भी शामिल था.

Text Size:

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने मुश्ताक अहमद जरगर को गैरकानूनी गतिविधियों के लिए आतंकवादी घोषित किया है. यह अलउमर मुजाहिदीन संगठन का संस्थापक और कमांडर है. जरगर 1999 में इंडियन एअरलाइंस फ्लाइट हाइजैक में छोड़े गए आतंकियों से में एक है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल मुश्ताक अहमद जरगर को केन्द्र सरकार ने आंतकवादी घोषित कर दिया है. वर्ष 1999 में ‘इंडियन एयरलाइंस’ के विमान आईसी-814 के अपहरण के बाद बंधकों के बदले रिहा किए गए आतंकवादियों में जरगर भी शामिल था. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी है.

केन्द्र सरकार द्वारा पिछले एक सप्ताह में आतंकवादी घोषित किया गया यह चौथा व्यक्ति है.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 52 वर्षीय जरगर उर्फ लत्राम श्रीनगर के नौहट्टा से है और आतंकवादी संगठन अल-उमर-मुजाहिदीन का संस्थापक एवं मुख्य कमांडर है. वह जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से संबद्ध है.

जरगर अभी पाकिस्तान में है. वह हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान गया था. वह 1999 में ‘इंडियन एयरलाइंस’ के विमान आईसी-814 के अपहरण के बाद बंधकों के बदले रिहा किए गए आतंकवादियों में से एक था.

गृह मंत्रालय ने कहा कि जरगर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की ओर से लगातार अभियान चला रहा है.

मंत्रालय ने कहा कि वह हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, आतंकवादी हमलों की साजिश रचने, उनको अंजाम देने और आतंकवाद के वित्त पोषण सहित विभिन्न आतंकवादी कृत्यों में शामिल रहा है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि अल-कायदा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने के कारण जरगर न केवल भारत के लिए बल्कि दुनियाभर की शांति के लिए खतरा है. केन्द्र सरकार का मानना है कि जरगर उर्फ लत्राम आतंकवाद में शामिल है. सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया वह 35वां शख्स है.

अधिसूचना में कहा गया, ‘गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) के खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्र सरकार इस व्यक्ति को चौथी अनुसूची में डालती है.’

इससे पहले सरकार ने 8 अप्रैल को, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सरगना और 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के ‘मास्टरमाइंड’ हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को भी आतंकवादी घोषित किया था. इसके बाद 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल पाकिस्तानी नागरिक मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर को 11 अप्रैल को आतंकवादी घोषित किया गया था. वहीं, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले में शामिल पाकिस्तानी अली काशिफ जान को 12 अप्रैल को सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था.

यह अधिनियम केन्द्र सरकार को यह अधिकार देता है कि यदि उसे लगता है कि कोई आतंकवाद में शामिल है, तो वह उसके नाम को अधिनियम की चौथी अनुसूची में डाल सकती है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

share & View comments