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Thursday, 3 October, 2024
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बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 237 अंक और टूटा, साप्ताहिक आधार पर भी नुकसान

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मुंबई, 13 अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजार बुधवार को शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। मुद्रास्फीति दबाव और विदेशी संस्थागत निवेशकों के बाजार से पैसा निकालने के बीच बैंक और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स 237 अंक नुकसान में रहा।

कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से भी लिवाली प्रभावित हुई।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ खुला लेकिन यह बढ़त को बनाये रखने में विफल रहा और अंत में 237.44 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,338.93 अंक पर बंद हुआ।

इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 54.65 अंक यानी 0.31 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,475.65 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के तीस शेयरों में से एचडीएफसी लि., एचडीएफसी बैंक में सबसे ज्यादा क्रमश: 2.01 प्रतिशत और 1.90 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके अलावा मारुति, डॉ. रेड्डीज, एशियन पेंट्स, पावरग्रिड, बजाज फिनसर्व और कोटक बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, सन फार्मा, हिंदुस्तान यूनिलीवर लि., भारतीय स्टेट बैंक और एनटीपीसी तथा बजाज फाइनेंस 1.87 प्रतिशत तक मजबूत हुए।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार दबाव में बना रहा और हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ…शुरू में एशियाई बाजारों की अगुवाई में तेजी रही। हालांकि, वाहन और बैंक शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आ गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, खंडवार और व्यापक स्तर वाले सूचकांकों में मिले-जुले रुख से प्रतिभागी अंत तक व्यस्त दिखे।’’

शेयर बाजार महावीर जयंती और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती के मौके पर बृहस्पतिवार को तथा गुड फ्राइडे के मौके पर शुक्रवार को बंद रहेंगे।

अवकाश के कारण कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में सेंसेक्स 1,108.25 अंक या 1.86 प्रतिशत जबकि निफ्टी 308.70 यानी 1.73 प्रतिशत नीचे आया।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कंपनियों के तिमाही परिणामों की शुरुआत के साथ खुदरा मुद्रास्फीति तथा ईसीबी (यूरोपीय केंद्रीय बैंक) की नीतिगत समीक्षा बैठक का असर बाजार पर दिखा। मुद्रास्फीति में तीव्र वृद्धि और नीतिगत दर में इजाफे की आशंका से वैश्विक बाजार में गिरावट है। बांड प्रतिफल में वृद्धि से शेयरों के प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 6.95 प्रतिशत रही और इसके 2022-23 की पहली तिमाही में उच्चस्तर पर बने रहने की आशंका है। लेकिन आने वाले समय में जिंसों के दाम में नरमी और आपूर्ति में सुधार के साथ इसमें कमी आने की संभावना है। कंपनियों के तिमाही परिणामों की शुरुआत के साथ घरेलू बाजार में आने वाले दिनों में क्षेत्र केंद्रित घट-बढ़ देखने को मिल सकती है।

मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति मार्च महीने में बढ़कर 17 महीने के उच्चस्तर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गयी। खुदरा महंगाई दर का यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से अधिक है। वहीं औद्योगिक उत्पादन फरवरी में केवल 1.7 प्रतिशत बढ़ा।

एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की लाभ में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहा।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.56 प्रतिशत लाभ के साथ 105.23 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर दो पैसे फिसलकर 76.17 पर पहुंच गयी।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 3,128.39 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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