मुंबई, 11 अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट आयी और बीएसई सेंसेक्स करीब 483 अंक टूटकर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में नुकसान के बीच सूचना प्रौद्योगिकी, पूंजीगत सामान और बैंक शेयरों में बिकवाली से यहां भी धारणा प्रभावित हुई।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 482.61 अंक यानी 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,964.57 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 552.78 अंक तक नीचे आया था।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 109.40 अंक यानी 0.62 प्रतिशत टूटकर 17,674.95 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में 29 नुकसान में रहे।
कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘एशिया के ज्यादातर शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा का स्थानीय शेयर बाजार पर असर पड़ा। निवेशकों ने जोखिम वाले शेयरों में बिकवाली की।’’
सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक में सर्वाधिक 2.73 प्रतिशत की गिरावट आयी। आईटी क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों इन्फोसिस और विप्रो में भी क्रमश: 2.67 प्रतिशत और 2.16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।
चौहान ने कहा, ‘‘निवेशकों ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के परिणाम आने से पहले प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली की। इसका कारण टीसीएस का अगली तिमाही को लेकर परिदृश्य हल्का रहता है, तो इसका असर क्षेत्र की अन्य कंपनियों पर पड़ेगा।’’
हालांकि, टीसीएस का शेयर 0.26 प्रतिशत चढ़ा। कंपनी का बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का वित्तीय परिणाम आज जारी होगा।
इसके अलावा, लार्सन एंड टुब्रो (2.72 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (1.54 प्रतिशत), एचडीएफसी (1.39 प्रतिशत), एचडीएफसी बैंक (1.25 प्रतिशत), एक्सिस बैंक और डॉ. रेड्डीज 1.2-1.2 प्रतिशत नीचे आये। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचयूएल, टाइटन, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, पावरग्रिड और एयरटेल भी नुकसान में रहे।
इसके उलट लाभ में रहने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले, मारुति सुजुकी और सन फार्मा शामिल हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की बैठक, अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़े और कंपनियों के चौथी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। घरेलू आईटी कंपनियों के तिमाही परिणाम अच्छे नहीं रहने की आशंका में क्षेत्र में बिकवाली हुई, जिसका असर बाजार पर पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अवकाश के कारण इस सप्ताह कारोबारी दिवस कम है। ऐसे में बाजार में निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं…।’’
मुद्रास्फीति की चिंता, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक तरीके से ब्याज दर बढ़ाने के संकेत तथा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण कमजोर वृद्धि दर की आशंका से वैश्विक बाजारों में भी गिरावट रही।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आगामी बैठकों में नीतिगत दर को सामान्य से दोगुना बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि फेडरल रिजर्व खरीदे गये बांड को बाजार में निकाल सकता है। इससे वाणिज्यिक कर्ज की दरें बढ़ेंगी।
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की नुकसान में रहे।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.38 प्रतिशत घटकर 100.3 अरब डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 575.04 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.