नई दिल्ली: शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मायूस किया है लेकिन मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं भारी मन से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करता हूं.
इस दौरान इमरान खान भावुक भी हो गए.
उन्होंने कहा कि 26 साल पहले पीटीआई की स्थापना के बाद से मैंने जिन सिद्धांतों का पालन किया है, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है.
इस दौरान इमरान सुप्रीम कोर्ट के बारे में कहा कि हमें उम्मीद थी कि राजनेताओं और सांसदों की खरीद-फरोख्त में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्र से अपील करता हूं कि अगर आप सरकार गिराने के विदेशी कोशिशों का विरोध नहीं करते हैं तो आप अपने भविष्य को जोखिम में डाल सकते हैं.
उन्होंने विपक्ष बिकने के आरोप लगाते हुए कि वो पैसों के लिए देश की कुर्बानी देने को तैयार है.
इमरान खान ने ‘विदेशी साजिश’ को दोहराते हुए, ‘राजनयिक केबल’ का ब्योरा दिया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार के संभावित गिरने को लेकर मीडिया में भी जश्न थे मनाया जा रहा था.
इमरान खान ने कहा कि उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी खेद है.
उन्होंने अमेरिका पर एक बार से हमला बोलते हुए कहा कि ‘अमेरिकियों ने सभी पाकिस्तानी नेताओं की प्रोफाइल, ड्रोन हमलों, अफगानिस्तान, इराक युद्ध, आदि के मुद्दों पर उनके रुख का अध्ययन किया था. उन्होंने पाया कि सिर्फ एक- इमरान खान- उनकी बातों से सहमत नहीं हैं और बाकी किसी की रीढ़ नहीं है.’
इमरान ने कहा कि हमारी विदेश नीति पाकिस्तान के हितों को ध्यान में रखकर बनानी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि ‘पश्चिमी शक्तियां पाकिस्तान में सत्ता में बैठे लोगों को पसंद करती हैं जो उनकी धुन पर नाचते हैं. लेकिन मैं अपनी संप्रभुता पर हमले की अनुमति नहीं दूंगा. अगर ‘भिखारी चुनने वाले नहीं’ सत्ता में आते हैं, तो वे फिर से महाशक्तियों की ओर बढ़ेंगे.’
इस दौरान इमरान ने भारत की विदेश नीतियों की एक बार फिर से तारीफ की. उन्होंने कहा कि ‘भारत को किसी महाशक्ति द्वारा निर्देशित नहीं किया जा सकता है.’
उन्होंने आगे कहा कि ‘यूरोपीय संघ भारत को उनके हितों के खिलाफ बयान देने के लिए नहीं कह सकता लेकिन वो चाहते हैं कि पाकिस्तान ऐसा करे’
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